चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां मेरे सतगुरु दीन दयाला #hitaambrish #shorts Hita Ambrish Ji Short Videos 91,7 тыс. подписчиков Скачать
“धैर्यवान” वही जो ‘दुःख’ में तो सावधान रहे ही..’सुख’ में और सजग हो जाए ! | Shree Hita Ambrish Ji Скачать
प्रभु ने तो दी है हमें “ये ठौर”, फिर भी भटक रहे हैं..देखो कितने ‘सयाने’ हैं हम ! | Sh Hita AmbrishJi Скачать
संसार झूठ पसंद करता है और “प्रभु” को सत्य प्रिय है..किस ओर चलना है ये ‘आप’ देखो !| Sh.Hita AmbrishJi Скачать
कोई लॉटरी नहीं लगेगी “संत” के जीवन में आने से..हाँ “ये प्रसाद” अवश्य मिलेगा | Shree Hita Ambrish Ji Скачать
“इसके अलावा और इससे अधिक सत्संग का क्या चमत्कार देखोगे अपने जीवन में..!” | Shree Hita Ambrish Ji Скачать
“सबसे बड़ी चूक यही हो रही है भजन करने में..तभी दूर हैं हम उस सुख से !” | Shree Hita Ambrish Ji Скачать
“यदि आप अपने दोष और अपनी असामर्थ्य देख पा रहे हैं तो..अगला कार्य ये करिए!” | Shree Hita Ambrish Ji Скачать
“संसार के चक्रव्यूह से निकल तो तब पाओगे ना जब विवेकपूर्ण ऐसा विचार कर पाओ..!”| Shree Hita Ambrish Ji Скачать
“रहति न प्रभु चित चूक किए की”…अगर ऐसा ना होता तो हम ये बात सुन भी कैसे पाते ! Shree Hita Ambrish Ji Скачать
सभी मिल मंगल गाओ रे अवध में राम आए है #hitaambrish #shorts #diwali2024 #deepavali2024 #deeputsav Скачать
हरे रामा रामा राम सीता राम राम राम #hitaambrish #shorts #diwali2024 #deepavali2024 #deeputsav Скачать
“बिना भाव के किसी क्रिया की तरह ना हो ठाकुर जी की सेवा..यहाँ सावधान रहना !” | Shree Hita Ambrish Ji Скачать
“चाहो सो होता नहीं, हो सो रुचता नहीं, रुचे सो रहता नहीं फिर..चाहें ही क्यों !” | Sh. Hita Ambrish Ji Скачать
“बस इतनी भूल आप सुधार लीजिए फिर प्रभु से मिलने में..ना देर है ना दूरी !!” | Shree Hita Ambrish Ji Скачать
“यहाँ कुछ मिलने वाला है नहीं आपको, मिलने का भ्रम भले पाल लो..इसलिए जो कार्य करने आये हो वो करो !” Скачать
“ये ख़ालीपन का घाव वस्तु या व्यक्तियों की भीड़ से नहीं भरेगा..स्वाधीनता की युक्ति कुछ और है !” Скачать
“प्रभु पर विश्वास” की पूँजी है आपके पास, फिर अपनी चिंता क्यों सताती है,देखिए..भ्रम में मत रहिए ! Скачать
“सुनो सबकी करो मन की..करो फिर भरोगे भी तो..यही परिणाम होगा इस सीख का !” | Shree Hita Ambrish Ji Скачать
कैसी शोचनीय स्थिति है ये “जिस कार्य के लिए प्रभु ने आपका निर्माण किया वही करना कठिन लगता है आपको..!” Скачать
सर्वाश्रय छोड़कर केवल नाम को पकड़िये फिर लगेंगे “प्रभु” अपने,आप जान पाओगे कैसे सदा के साथी हैं ‘ये’| Скачать
“जब तक प्रभु के अलावा कोई और ‘चाह’ है तब तक ये दौड़भाग रहेगी ही..इससे बचना हो तो सीखिए ये कला !” Скачать
“मन की चंचलता से घबराकर भजन मत छोड़ देना…गुरु आज्ञा में रहकर भजन में लगे रहिए !”| Sh.Hita Ambrish Ji Скачать
“संसार से वैराग्य तो तब होगा ना जब प्रभु में अनुराग हो जाएगा..इससे पहले नहीं छूटने वाला ये जंजाल !” Скачать
ये एक अमूल्य वस्तु ऐसी है जो केवल संत देता है अपने भंडार से…“भगवद् विश्वास” | Shree Hita Ambrish Ji Скачать
ना पुत्र के करने से होगा ये कार्य,ना किसी अन्य के..अपनी सद्गति के लिए कार्य तो आपको स्वयं करना होगा! Скачать
ये पट्टी पढ़ने के लिये एक विशेष योग्यता चाहिये…हर कोई नहीं कर सकता ‘ऐसा’ !” | Shree Hita Ambrish Ji Скачать
“सर्वज्ञ तो केवल भगवान हैं..हाँ,उनके साथ लगे रहने से भक्त में भी वैसे गुण किंचित आ जाते हैं !” Скачать
“यहाँ सफलता की इतनी गारंटी मिलने के बाद भी आपको भरोसा ना हो तो..अपनी आप जानो !”| Sh. Hita Ambrish Ji Скачать
जन्म-मृत्यु तो अपने समयानुसार होगी ही..सार की बात तो ये है जो कार्य करने आये थे वो किया या नहीं ? Скачать
जब तक ये समझ ना लो कि संसार में सुख खोजना मानो जल को मथना..तब तक तत्त्व जिज्ञासा से दूरी रहेगी ! Скачать
पुण्य तो आप कमा लेंगे इतना कठिन नहीं है पर पाप कैसे छूटेगा..हिसाब दोनों का अलग अलग होगा,विचार करिए ! Скачать
“अपने भक्त के नाते से प्रभु तो देने ही आये थे..भले ही याचक बनकर आये लेकिन परिणाम कुछ और ही था !” Скачать
सुनने में भले अटपटे लगें ‘ये शब्द’ लेकिन जो कार्य करने के लिये आये हो उसकी चटपटी अवश्य लगा देंगे ! Скачать
“जब ऐसी परिस्थिति आये तो समझना प्रभु का इशारा..कुछ याद दिला रहे हैं प्रभु !” | Shree Hita Ambrish Ji Скачать
जब बाहर घटी किसी भी शुभ या अशुभ घटना से आपकी भाव-भावना अछूती रहे..तब होगी “प्रभु की अनुभूति” ! Скачать
संसार से लगी आशा का बंधन तो आपको स्वयं ही खोलना होगा..प्रभु तो तभी मिलेंगे,भजन में लगना पड़ेगा ! Скачать
छल कपट करके ‘वो धन’ कमाया जो यहीं रह जाएगा किंतु ‘वो पाप’ साथ जाएगा..ये मनुष्य की कैसी मूढ़ता है ! Скачать
“गंगा गये गंगादास,जमुना गये जमुनादास”..ऐसे बात नहीं बनेगी, “सत्य” को समझकर स्वीकार करना होगा ! Скачать
यह देह पाकर बस इतना समझ लीजिए कि प्रयास केवल अविनाशी वस्तु के लिए हो..बाक़ी तो सब साधारण है यहाँ !” Скачать
“श्री कृष्ण ही एकमात्र सत्य हैं”..सत्संग वही जिसमें इस सत्य को बिना लाग लपेट के निर्भीकता से कहा जाए Скачать
“ये कुछ कार्य ऐसे हैं जो अपनी सामर्थ्य से संभव ही नहीं हैं…समर्थ शरण्य चाहिए !”| Sh. Hita Ambrish Ji Скачать
“देखना कहीं अनाथ तो नहीं हो..केवल देह के माता पिता होने से सनाथ नहीं हो जाता कोई !”| Hita Ambrish Ji Скачать
“भजन करना चाहते तो हैं पर कर नहीं पाते..क्यों ? कारण जानने का प्रयास तो करिए !” | Sh.Hita Ambrish Ji Скачать
“अपना लक्ष्य पवित्र करिए तब तो सिमटेगी ये बिखरी चेतना..नहीं तो बस बँटे रहिए ऐसे !”| Hita Ambrish Ji Скачать
“ऐसे विचार कर पाएँ इसके लिए ‘विवेक’ चाहिए और ‘विवेक’ की तो बस ‘एक ही कुञ्जी’ है..!”| Hita Ambrish Ji Скачать