कैमरा एवं कम्प्यूटर की तत्काल आवश्यकता हेतु विनम्र निवेदन देववाणी संस्कृतम् devvani sanskritam 44,5 тыс. подписчиков Скачать
{2} हे प्रभो! स्वार्थ त्याग कर पवित्र अन्त:करण से नित्य आपकी वन्दना करें।(वैदिक विनय Byआचार्यअभयदेव) Скачать
श्रीदुर्गासप्तशती {अथ अर्गलास्तोत्रम्, कीलकम्, वेदोक्तं रात्रिसूक्तम्, तन्त्रोक्तं रात्रिसूक्तम्} Скачать
कक्षा—77 ( पुंवद्भावनिषेध-उत्तरपदे—सूत्र—6— 3—36—40 ( अष्टाध्यायीभाष्य-प्रथमावृत्ति: षष्ठाध्यायः) Скачать