तब के हिंदुस्तान और अब के पाकिस्तान के पेशावर के बड़े फल कारोबारी लाला गुलाम सरवर के घर जब बेटे का जन्म हुआ तो उन्होंने बड़े प्यार से उसका नाम मोहम्मद युसूफ़ ख़ान रखा. थोड़ी उम्र हुई तो घर से झगड़कर काम की तलाश में निकले युसूफ पहले पुणे गए और फिर बम्बई आ गए. और काम उन्हें ऐसा मिला कि अपने अब्बा से बताने में डरने लगे. काम और नाम दोनों दिया था बॉम्बे टॉकीज की देविका रानी ने. उसके बाद युसूफ खान हो गए दिलीप कुमार और फिर जो हुआ वो सिनेमा के इतिहास का सबसे स्वर्णिम अध्याय है. देखिए युसूफ खान के दिलीप कुमार बनने की कहानी.
#DilipKumar #RIPDilipKumar #DilipKumarDeath
Ещё видео!