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दुधावा बांध में सबसे ज्यादा मछ्ली पकड़ते हैं @VisionaryVistas-w2z #दूधावा_जलाशय #मछली_पालन
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मत्स्य पालन एक फायदेमंद खेती है। जिसे आम आदमी आसानी से कर सकता है । खेती की तरह न तो इसमें अधिक मजदूरी लगती है न ही बीमारी लगने की संभावना रहती है। अधिक वर्षा, ओले या पाले का डर नही रहता है । मत्स्य पालन की सबसे बड़ी विषेषता यह है कि जरूरत पड़ने पर हर साइज मछली का मूल्य मिल जाता है।
आइए आज हम आपको बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा मछली कहां पकड़ते हैं।
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिला अंतर्गत आने वाले दुधावा बांध में सबसे ज्यादा मछली का उत्पादन होता है। यहां सालाना करीब 80 लाख रुपये के मछली का व्यवसाय होता है। जबकि गंगरेल बांध व माड़मसिल्ली में मछली का उत्पादन कम है। सालाना दोनों बांधों में 20 बीस लाख का उत्पादन होता है। जबकि धमतरी जिले के सोंढूर बांध अभयारण्य क्षेत्र में आने की वजह से मछली पालन पर प्रतिबंध लगा हुआ है।
मछली उत्पादन से तीनों बांधों के आसपास रहने वाले सैकड़ों परिवार को रोजगार मिलता है, जिससे जीवनयापन होता है।
धमतरी जिले में गंगरेल, सोंढूर और माड़मसिल्ली बांध है, जबकि सीमा क्षेत्र कांकेर जिले के दुधावा बांध भी है। इन चारों बांधों में से सबसे ज्यादा मछली का उत्पादन दुधावा बांध में होता है। जल संसाधन विभाग को छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी मत्स्य महासंघ मर्यादित रायपुर छग से जारी पत्र के अनुसार दुधावा बांध में सबसे ज्यादा मछली का उत्पादन है। जारी आंकड़ा के अनुसार दुधावा बांध में वर्ष 2020-2021 में पांच लाख 66 हजार 404 किलोग्राम है। जिसमें 95 हजार 918 नग मछली शामिल है। जिसकी अनुमानित कीमत 80 लाख रुपये है। वहीं वर्ष 2022-23 में एक लाख 78098 किलोग्राम मछली है, जिसमें मछलियों के 44856 नग शामिल है, जिसकी कीमत 70 लाख रुपये है। इस तरह यहां सबसे अधिक मछली का उत्पादन दर्ज किया गया है।
जबकि जिले के प्रमुख गंगरेल बांध में वर्ष 2020-21 में सिर्फ 31841 किलोग्राम मछली का उत्पादन है, जिसमें मछलियों के 7064 नग शामिल है, जिसकी कीमत पांच लाख 66 हजार रुपये है। वहीं वर्ष 2022-23 में यहां 89149 किलोग्राम मछली का उत्पादन हुआ है, जिसमें 14842 नग मछली है, जिसकी कीमत 16 लाख 50 हजार रुपये है। इसी तरह माड़मसिल्ली बांध में वर्ष 2020-21 में एक लाख 24326 किलोग्राम मछली का उत्पादन हुआ है। इसमें 21646 मछलियों का नग है, जिसकी कीमत 13 लाख रुपये है। जबकि वर्ष 2022-23 में यहां 95893 किलोग्राम मछली का उत्पादन हुआ है, जिसमें 22670 नग मछली है, जिसकी कीमत 14 लाख रुपये है। इस तरह इन दोनों बांधों में दुधावा से कम मछली उत्पादन है। इन तीनों बांधों में कतला, रोहू, मृगल, कामन कार्प, लोकल मछलियां की प्रजातियां शामिल है, जिसका उत्पादन किया जाता है। मत्स्य विभाग के सहायक संचालक बीना गढ़पाले का कहना है कि तीनों बांधों में मछली का उत्पादन बेहतर है। केज कल्चर सिस्टम से भी मछली का उत्पादन किया जाता है। इन बांधों में होने वाली मछली उत्पादन से आसपास रहने वाले सैकड़ों परिवारों को मछली पालन से यहां रोज़गार मिलता है।
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