बड़ी तीज कजरी तीज सत्तू तीज माता की कथा
कजरी तीज हिन्दू धर्म की विवाहित महिलाओं का विशेष त्यौहार है। यह त्यौहार वर्ष 2019 को 18 August को आएगा।
OTHER VIDEOS:My new popular upload:
[ Ссылка ] मास की कहानी 2019पीपल पथवारी कहानी पहले दिन से पीपल पथवारी की पूजा करें कहानी जरूर सुनें
गर्भवती स्त्री के लिए खुसखबरी | जन्माष्टमी के दिन ये उद्यापन करेंगे तो कनैया आपकी गोद मे जरूर खेलेगा(24 AUGUST 2019):
Badi Teej Mata Ki Katha बड़ी तीज माता की कथा ( Bhadrapad Mahina भाद्रपद महीना )
[ Ссылка ]...
गोवत्स पूजन कथा, गोवत्स द्वादशी, बछबारस कहानी, पुत्र की मंगल कामना और उज्जवल भविष्य के लिए जरूर करें:
[ Ссылка ]
बच्छ बारस व्रतकथा | इस साल की बच बारस की कहानी और पूजा विधि (पुत्र पाने के लिए जरूर करे ये व्रत):
[ Ссылка ]
# बड़ी# तीज# कजरी# तीज सत्तू तीज माता की कथा
बड़ी तीज का महत्व :
सुहागन महिलाये एक दिन पहले अपने हाथो मेँ मेहँदी लगवाती हे सिंगार करती हे गहने पहनती हे आटे का सत्तू बनाती हे कजली तीज के दिन व्रत करती हे शिव पार्वती भगवान् की पूजा करती हे और बायना निकलती हे और बायना अपनी सास को पाँव छुकर देती हे और उनसे आशीर्वाद लेती हे और रात को चन्द्र्मा को अर्ध देकर व्रत खोलती हे और अपने पति की लम्बी आयु की कजली माँ से आशीर्वाद लेती हे कजरी तीज के एक दिन पहले रात भर जाग के लोक गीत गाती है तथा कजरी खेलती हैं। अगले दिन उपवास के बाद जौ, गेहूँ, चावल, सत्तू ,घी, गुड़ और मेवा से बने विशेष पकवान चांद को चढ़ाने के बाद स्वयं खाती हैं। इस दिन मिट्टी से बने शिव- पार्वती की प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए।
कजरी तीज हिन्दू धर्म की विवाहित महिलाओं का विशेष त्यौहार है
हर सुहागन को जरूर सुननी चाहिए कजली तीज की यह व्रत कथा
कजली तीज: भाद्रपद महीने की कृष्णा पक्ष की तृतीया को कजली तीज या कजली तीज मनाई जाती है. इस दिन भगवान शिव ने माँ पार्वती की कठिन तपस्या के बाद उनको अपनी पत्नी के रूप में स्वीकारा था. इस दिन सुहागनें अपने पति के लिए व्रत रखती है और पूजा भी करती है. आइए जानते हैं कि कैसे करें कजली तीज की पूजा.कजरी तीज का त्यौहार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। इसे 'हरितालिका तीज' के नाम से जाना जाता है। कजरी तीज में विशेष प्रकार का खेल, गान और शिव-पार्वती जी की पूजा की व्यवस्था की जाती है। कजरी तीज (Kajaree Teej) सुहागिन महिलाओं का विशेष त्यौहार है।कजरी तीज के एक दिन पहले रात भर जाग के लोक गीत गाती है तथा कजरी खेलती हैं। अगले दिन उपवास के बाद जौ, गेहूँ, चावल, सत्तू ,घी, गुड़ और मेवा से बने विशेष पकवान चांद को चढ़ाने के बाद स्वयं खाती हैं। इस दिन मिट्टी से बने शिव- पार्वती की प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए।
Ещё видео!