राजपूतों के इतिहास में एक से एक स्वामिभक्त सैनिक हुए लेकिन झाला मानसिंह जैसे उदाहरण कम ही हैं. ये झाला ही थे जिनके कारण हल्दीघाटी के विनाशकारी युद्ध में राणा प्रताप की जान बची .मुगलों की सेना से बुरी तरह घिरे राणा की जान बचाने के लिए झाला मां सिंह ने अपने प्राणों की आहुति दे दी .राजस्थान के इतिहास में ये बलिदान अमर है.
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