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► Album - Karwa Chauth Ki Katha
► Song - Karwa Chauth Ki Katha
► Singer - Uma Aggarwal
► Lyrics - Traditional
➤ Label - Vianet Media
➤ Sub Label - Ambey
➤Parent Label(Publisher) - Shubham Audio Video Private Limited
➤ Trade Inquiry - info@vianetmedia.com
9277-DVT_VNM
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👉Karwa Chauth Ki Katha Lyrics In Hindi:👇
बहुत समय पहले की बात है साहूकार के साथ बेटे और उनकी एक बहना करवा थी सभी सातो भाई अपनी बहन से बहुत प्यार करते थे, यहााँ तक की वो पहले उसे खाना खखलाते और बाद में स्वयं खाते थे एक बार उनकी बहन ससुराल से मायके आई हुयी थी शाम को जब भाई अपना व्यापार व्यवस्या बंद करघर आये तो देखा उनकी बहन बहुत व्याकुल थी सभी भाई खाना खाने बैठे अपनी बहन से भी खाने का आग्रह करने लगे पर बहन ने बताया की उसका आज करवा चौथ का ननजजल व्रत है और वह खाना चन्द्रमा को देखकर और उसे अघज देकर ही खा सकती है चुकी चन्द्रमा अभी तक नहीं ननकला है इसीनलए वो भूख प्यास से व्याकुल हो उठी सबसे छोटे भाई को अपनी बहन की हालत देखती जाती और वह दूर पीपल के पेड़ पर एक दीपक जलाकर छलनी की ओट में रख देता है दूर से देखने पर ऐसा प्रतीत होता है जैसे चतुथी का चााँद उनदत हो रहा हो इसके बाद भाई बहन को बताता है चााँद ननकल आया तुम अघज देने के बाद भोजन कर सकती हो बहन ख़ुशी के मारे सीनियों पर चिकर चााँद को देखती है और उसे अघज देकर खाना खाने बैठ जाती है वह पहला टुकड़ा मुाँह में डालती है तो उसे छींक आ जाती है और दूसरा टुकड़ा डालती है तो उसमे बाल आ जाता है जैसे ही तीसरा टुकड़ा मुाँह में डालने की कोनशश करती है तो उसके पनत की मृत्यु का समाचार उसे नमलता है वह बोखला जाती है उसके भाभी उसे सचाई से अवगत कराती है की उसके साथ ऐसा क्ों हुआ करवा चौथ का व्रत गलती तरीके से टूटने के कारण देवता उससे नाराज हो गया है और उन्ोंने ऐसा नकया सचाई जाने के बाद करवा ननश्चय करती है की वह अपने पनत का अंनतम संस्कार नहीं होने देगी और अपने सनतत से उन्ें पुनर जीवन नदला कर रहेगी वो पुरे एक साल तक अपने पनत के शव के पास बैठी रहती है और उसकी देखभाल करती है उसकी ऊपर उगने वाली सुई नुमा घास को वह एकनित करती जाती है एक साल बाद निर करवा चौथ का नदन आता है उसकी सभी भानभयााँ करवा चौथ का व्रत रखती है जब भाबी आशीवाजद लेने जाती है तो वह प्रतेक भाभी से यम सुई ले लो बी सुई दे दो मुझे भी अपनी जैसी सुहानगन बना दो ऐसा आग्रह करती है लेनकन हर बार भाभी उसे अगली भाभी से आग्रह कह चली जाती है इस प्रकार जब छटे नंबर की भाभी आती है तो करवा उससे भी यही बात दोहराती है यह भाभी उसे बताती है की चुकी सबसे छोटे भाई की वजह से उसका व्रत टूटा था उसकी पत्नी में ही शखि है की वह तुम्हारे पनत को जीनवत कर सकती है जब वह आये तुम उसे पकड़ लेना जब तक तुम्हारे पनत को नजन्दा नहीं कर दे उसे मत छोड़ना ऐसा कह कर वो चली जाती है सबसे अंत में छोटी भाभी आती है करवा उनसे भी सुहानगन बनने का आग्रह करती है लेनकन वह टालमटोल करने लगती है इसे देख करवा उन्ें जोर से पकड़ लेती है और अपने सुहाग को नजन्दा करने के नलए कहती है भाभी उससे छु ड़ाने के नलए नोचती है खसोटी है पर करवा नहीं छोड़ती अंत में उसकी तपस्या को देख भाभी पसीज जाती है अपनी छोटी उंगली को चीर कर उसमे से अमृत उसके पनत के मुाँह में डाल देती है करवा का पति तुरंत श्री गणेश कहता हुआ उठ बैठता है इस प्रकार प्रभु माध्यम से उसकी छोटी भाभी की वजह से करवा को उसका सुहाग वापस नमल जाता है हे महागौरी नजस प्रकार करवा को चीर सुहागन का वरदानआपसे नमला है वैसा ही सब सुहानगन को मिले |
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