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वीडियो जानकारी: 13.02.2024, बोध प्रत्यूषा, ग्रेटर नॉएडा
विवरण:
इस वीडियो में आचार्य जी ने सरस्वती मां के महत्व और विद्या के प्रति उनके संबंध पर चर्चा की है। उन्होंने बताया कि सरस्वती मां को विद्या की देवी माना जाता है और विद्या का अर्थ केवल ज्ञान और समझना है। आचार्य जी ने यह स्पष्ट किया कि विद्या के अलावा अन्य बातें गौण हैं और विद्या को सम्मान देना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि विद्या को समझना और उसका सम्मान करना ही असली पूजा है। आचार्य जी ने यह भी कहा कि विद्या की दो श्रेणियाँ होती हैं: बाहरी विद्या (जो स्कूल और कॉलेज में सिखाई जाती है) और आंतरिक विद्या (आत्मज्ञान)। दोनों विद्या का ज्ञान होना आवश्यक है, क्योंकि यह जीवन में आनंद और मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।
प्रसंग:
~ बसंत पंचमी का क्या महत्व है?
~ माँ सरस्वती कौन हैं?
~ माँ सरस्वती को किस प्रतीक के रूप में देखा जाना चाहिए?
~ विद्या और अविद्या क्या हैं?
~ सरस्वती जन्मोत्सव पर माँ सरस्वती की पूजा कैसे करें?
संगीत: मिलिंद दाते
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बसंत पंचमी का महत्व || आचार्य प्रशांत (2024)
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