सागवान कीमती क्यों हैं।
पिछले कई दशकों में देश के जंगलों में सागवान की कटाई इतनी तेजी से हुई कि अब जंगलों से ये पेड़ गायब ही होता जा रहा है। जबकि सागवान की लड़की की क्वालिटी को देखते हुए इसकी डिमांड दिनोंदिन तेजी से बढ़ रही है। सागवान की लकड़ी को ना तो दीमक लगती है और ना ही ये पानी में सड़ता है। इसलिए सागवान का इस्तेमाल फर्नीचर बनाने में तो होता ही है साथ ही इसका इस्तेमाल पानी के हजारों को बनाने में खासतौर पर होता है। सागवान के पेड़ की उम्र करीब 200 साल होती है।
सागवान का पौधा कब लगाया जाना चाहिए
इसे पूरे साल कभी भी लगाया जा सकता है। इसके अलावा अगर जमीन, बाढ़ वाले या ज्यादा पाने वाले इलाके में हैं, तो इसको बरसात निकलने के बाद ही लगाना चाहिए।
लागत कीमती आती है।
एक एकड़ में 2.5 बीघा होता है। 2.5 बीघा यानी एक एकड़ में 500 पेड़ लग जाते हैं। Shivashakti bio technologies एक पौधे को 105 रूपए में उपलब्ध करवाती है। इसके साथ 1 साल की 100% रिपलेसमेंट गारंटी भी होती है यानी अगर एक साल में कुछ पौधे किसी भी वजह से खराब या मर जाते हैं तो कंपनी बिना की अतिरिक्त खर्च के आपको उतने पौधे दोबारा उपलब्ध करवाती है।
इंटरनेट पर आपको कई ऐसे आर्टिकल्स मिल जायेंगे तो एक एकड़ में 500 के बजाय 800 से लेकर 1000 पौधे लगाने की सलाह देंगे। लेकिन ये गलत है क्योंकि पौधों को 12*9 फीट की दूरी पर लगाना जरूरी है। अगर पौधे 5 फीट की दूसरी पर लगाएं जाते हैं, तो इनको सूरज की रोशनी नहीं मिल पाएगी और पौधे सही तरह से पनप नहीं पायेंगे।
कमाई कितनी होगी
एक पेड़ में 10 से 12 क्यूबिक फीट लकड़ी निकल आती है। यानी एक पेड़ की कीमत 12*2500 = 30,000 रूपए होगी। इस हिसाब से एक एकड़ में 500 पेड़ लगाने पर, इनकी कुल कीमत 500*30,000 = 1.5 करोड़ रूपए होगी।
कितने साल में बिकने लायक हो जाता है
सागवान का टिश्यू कल्चर, ड्रिप इर्रिगेशन से 10-12 साल में तैयार होता है, लेकिन फिर भी अगर 10 साल में पेड़ की गोलाई 3 फीट यानी 36 इंच की हो जाए, तो इसे बेचने लायक समझा जा सकता है।
किन किन राज्यों में इसकी अच्छी फसल होती है।
वैसे तो कहीं भी लगाया जा सकता है लेकिन भारत में बर्फ वाले राज्यों जैसे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में इसे नहीं लगाया जा सकता है। इसके अलावा, समुद्र किनारे बसे शहरों में समुद्र से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर लगाने पर ही सागवान लग सकता है।
कितने पानी की जरूरत होती है
जब पौधा छोटा होता है तो पहले एक महीने तक इसे रोजाना पानी की जरूरत होती है। मानसून में बरसाती पानी काफी होता है और सर्दी के मौसम में महीने में एक बार ही पानी देना पड़ता है। एक साल के बाद हफ्ते में एक बार पानी देने की जरूरत पड़ती है।
क्या सागवान के साथ दूसरी फसल लेना संभव है
ये बिल्कुल संभव है। आप अगर अपने खेत पर कोई फसल लगाने के साथ साथ सागवान के खेती भी करना चाहते हैं तो आपको खेत की मेड़ पर सागवान का पौधा लगाना होगा। एक एकड़ खेत की मेड़ की औसत लंबाई चौड़ाई 200 गुणा 220 की होती है, जिस पर करीब 150 पौधे लगाए जा सकते हैं। लेकिन मेड़ पर पौधे 12 गुणा 9 फीट की दूरी पर नहीं बल्कि 6-6 फीट की दूरी पर लगेंगे। यानी आप अपनी प्रमुख फसल के साथ साथ सागवान की फसल का भी भरपूर फायदा उठा सकते हैं।
सागवान को किससे है खतरा
सागवान के पौधे को उस जमीन में बिल्कुल ना लगाएं, तो पानी से भरा रहता है। इसके अलावा, इसे कीड़ा लगने और दीमक का भी खतरा रहता है। ध्यान रहे कि सागवान के पौधे को दीमक लग सकती है लेकिन जब ये कटकर फर्नीचर में बदल जाता है तो इसके दीमक नहीं लगती। इन सभी से बचने के लिए कंपनी जानकारी देती है। प्रति एकड़ 45 लाख से 1.5 करोड़ रूपए की कमाई होती है।
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