पिछले दिनों कानपुर में हुए रेल हादसों के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का कनेक्शन सामने आ रहा है। बिहार पुलिस ने दावा किया है कि 20 नवंबर को कानपुर के पुखरायां के पास हुआ रेल हादसा ISI की साजिश का नतीजा था। मोतिहारी के एसपी जितेंद्र राणा ने बताया कि सीमा से पकड़े गए मोती पासवान से कई महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी हैं। कानपुर ट्रेन हादसे में मोती सक्रिय रूप से शामिल था। इससे पहले पूर्वी चंपारण में भी उसने ट्रैक उड़ाने की साजिश रची थी। एसपी के मुताबिक घोड़ासहन रेलवे ट्रैक पर मिले बम की जांच के दौरान पुलिस ने मोती पासवान, मुकेश और उमाशंकर को गिरफ्तार किया गया है। मोती ने खुलासा किया है कि बम प्लांट का नेतृत्व दुबई में बैठे शमशुल ने किया था। बताया जा रहा है कि दुबई में बैठा नेपाल का कारोबारी शम्शुल होदा ISI को भी फंडिंग करता है। शमशुल ने नेपाल के बृजकिशोर गिरि को 20 लाख रुपये देकर घोड़ासहन में बम प्लांट की जिम्मेदारी दी थी। घोड़सहन में असफल होने पर मोती को कानपुर में बम प्लांट करने के लिए ले जाया गया। इसके लिए उसे दो लाख रुपये मिले थे। कानपुर में कामयाब होने के बाद मोती इंदौर और बाद में दिल्ली गया। वहां से वह नेपाल चला गया। मोती ने बताया, 'इस साजिश में कारोबारी शम्शुल का भतीजा जियाउल हक और एक अन्य व्यक्ति भी शामिल था। इस मामले में अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं मोती पासवान की गिरफ्तारी और खुलासे के बाद NIA और दूसरी खुफिया एजेंसियां मोतिहारी पहुंच गई हैं। आईबी, रॉ, एटीएस, स्पेशल ब्रांच अलग-अलग मोती से पूछताछ में जुटी हैं। माना जा रहा है कि इस पूछताछ में कई और अहम खुलासे हो सकते हैं।तो एक बड़ा खुलासा हुआ है कि भारत में रेल दुर्घटनाओं के पीछे आईएसआई का हाथ हो सकता है। पुखरायां रेल हादसे में 150 से ज्यादा लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। फिलहाल इस मामले में जांच एजेंसियां अब मोती से पूछताछ कर रही है।
Ещё видео!