8 पापों से भरा मटका। जबर्दस्त सीख देने वाली कहानी #viralshorts
एक बार घूमते घूमते कालिदास बाजार गए वहां एक महिला बैठी मिलीं उसके पास एक मटका था और कुछ कुल्हड़ पड़ी थी कालिदास ने उस महिला से पूछा क्या बेच रही हो, महिला ने जवाब दिया महाराज मैं पाप बेचती हूं कालिदास ने आश्चर्य चकित होकर पूछा पाप और मटके में, महिला बोली हां महाराज मटके में पाप है कालिदास कौन सा पाप है? महिला आठ पाप इस मटके में है मैं चिल्लाकर कहती हूं कि मैं पाप बेचती हूं और लोग पैसे देकर पाप ले जाते हैं अब महाकवि कालिदास को और आश्चर्य हुआ पैसे देकर लोग पाप ले जाते हैं महिला हां महाराज पैसे से खरीद कर लोग पाप ले जाते हैं कालिदास इस मटके में आठ पाप कौन कौन से हैं महिला क्रोध, बुध्दि नाश, यश का नाश, स्त्री एवं बच्चों के साथ अत्याचार और अन्याय, चोरी, असत्य, दुराचार, पुण्य का नाश, और स्वास्थ्य का नाश ऐसे आठ प्रकार के पाप इस घड़े में हैं कालिदास को कौतुहल हुआ की यह तो बड़ी विचित्र बात है किसी भी शास्त्र में नहीं आया है कि मटके में आठ प्रकार के पाप होते हैं वे बोले आखिरकार इसमें क्या है? महिला महाराज इसमें शराब है कालिदास महिला की कुशलता पर प्रसन्न होकर बोलें तुझे धन्यवाद है शराब में आठ प्रकार के पाप है यह तू जानती है और मैं पाप बेचती हूं ऐसा कहकर बेचती है फिर भी लोग ले जाते है।
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