After Diwali, now people have started preparing for Chhath Puja. Preparations for this festival, which are of special importance to women, have been completed. There is a trend of bathing the Ganges on the day of Nahai Khay. This day house is thoroughly cleaned and the house courtyard, every front and back of the house is cleaned to welcome the sixth maiya. The festival of Chhath is of four days and its fast is the most difficult of all the fasts. Hence it is known as Mahaparva. According to Hindi Panchag, Chhath Puja is celebrated on Panchami Tithi of Shukla Paksha of Kartik month. Kharna is also called Lohanda. It has special significance in Chhath Puja. Special offerings are made for Chhath Puja on the day of Kharna.
दीवाली के बाद अब लोग छठ पूजा की तैयारी में लग चुके हैं. महिलाओं के लिए खास महत्व वाले इस त्योहार की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. नहाय खाय के दिन गंगा स्नान करने का चलन है. इस दिन घर की पूरी सफाई की जाती है और छठी मइया के स्वागत के लिए घर आंगन, घर के आगे और पीछे हर स्थान की सफाई होती है. छठ का पर्व चार दिनों का होता है और इसका व्रत सभी व्रतों में सबसे कठिन होता है. इसलिए इसे महापर्व के नाम से जाना जाता है. हिन्दी पंचाग के अनुसार, छठ पूजा का खरना कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होता है. खरना को लोहंडा भी कहा जाता है. इसका छठ पूजा में विशेष महत्व होता है. खरना के दिन छठ पूजा के लिए विशेष प्रसाद बनाया जाता है.
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