50 हजार लोग दशहरे के दिन जिस अनूठे मौके के गवाह बने, संभवत: अगले कुछ दिनों में दुनिया के छह अरब लोग एक रिकार्ड के रूप में इसके बारे में किताबों में जानेंगे। यहां 195 फुट के रावण का दहन हुआ। रावण की यह ऊंचाई गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए प्रस्तावित है। बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व विजयदशमी क्षेत्र में जहां धूमधाम से मनाया गया वहीं बराड़ा में आयोजित दशहरे मेले में विश्व के सबसे ऊंचे रावण के पुतले को जलता देखने के लिए अपार भीड़ एकत्रित हुई। क्षेत्र में पिछले लगभग डेढ़ सप्ताह से शुरू हुई रामलीला का रोमांच आज सायं उस समय चरम सीमा पर पहुंच गया जब श्री राम एवं रावण की सेना ने दशहरा मैदान में प्रवेश किया। इसी बीच जैसे ही रावण के पुतले को श्री राम जी का तीर लगा वैसे ही श्री राम की जय हो, श्री राम की जय हो के उद्घोषों से वातावरण गूंजने लगा।
ज्ञात रहे कि श्री राम लीला क्लब द्वारा रामलीला आयोजन के 25 वर्ष पूरे होने पर इस बार दशहरा पर्व को रजत जयंती के रूप में मनाने का फैसला किया गया था। रजत जयंती को धूमधाम से मनाने के लिए क्लब ने पांच दिवसीय मेले का आयोजन किया जिसमें पहले दिन हास्य कवि सम्मेलन, दूसरे दिन विश्व प्रसिद्ध जादूगर सम्राट शंकर, तीसरे दिन सूफी गायक हंसराज हंस तथा चौथे दिन नौजवानों के दिलों की धड़कन पंजाबी गायक प्रीत हरपाल द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत कर क्षेत्रवासियों का खूब मनोरंजन किया गया। यहां के रामलीला क्लब के संस्थापक तेजिन्द्र चौहान की देखरेख में आयोजित इस दशहरे मेले का आकर्षण विश्व का सबसे ऊंचा 195 फुट रावण का पुतला था। क्लब सदस्यों द्वारा सुरक्षा के लिहाज से इस विशाल रावण के पुतले के आसपास लगभग 150 फुट के दायरे में बैरिकेट लगा दिए गए ताकि रावण दहन के समय फूटने वाले भयानक पटाखों से किसी प्रकार का किसी को नुकसान न पहुंच सके। दशहरा मेला कार्यक्रम के मुख्यातिथि महर्षि मारकण्डेशवर विश्वविद्यालय के चांसलर तरसेम गर्ग द्वारा रिमोट का बटन दबाकर रावण को आग के हवाले किया गया।
बेहतरीन।
Ещё видео!