उम्र 30 साल, डिग्री- पीएचडी लेकिन जयराम महतो किसी नौकरी की तलाश में नहीं है. बल्कि उन्होंने प्रदेश की राजनीति में हलचलच मचा रखी है. वह राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में अब अहमियत पा रहे हैं. लोकसभा चुनावों में करीब तीन लाख वोट पाने के बाद अब जयराम और उनकी पार्टी झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा क्या विधानसभा चुनावों में इतिहास रच सकेगी? यह सवाल अब हर कोई पूछ रहा है.
जयराम के राजनीतिक जीवन की शुरुआत भी एक आंदोलन से हुई. उन्होंने भोजपुरी और मगही को झारखंड की आधिकारिक भाषाओं के रूप में मान्यता देने की मांग से ये शुरुआत की.
फिलहाल, जयराम महतो ने विशेष रूप से कुर्मी ओबीसी समुदाय के बीच एक पैठ बना ली है. समुदाय की आबादी की हिस्सेदारी राज्य में करीब 15 प्रतिशत तक पहुंचती है.
जयराम के लिए मुख्य मुख्य मुद्दा बाहरी लोगों का यहां आकर काम करना और संसाधनों का संरक्षण है जबकि भाजपा ने अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा उठाया हुआ है. लेकिन क्या उनका ये मुद्दा वोट खींच पाएगा?
महतो से हुई इस विशेष बातचीत में मनीषा पांडे ने न सिर्फ ऐसे कई सवालों के जवाब जानने की कोशिश की बल्कि महतो के राजनीतिक विचारों और जीवन को भी समझने की कोशिश की.
देखिए उनसे हुई ये खास बातचीत.
Subscribe to Newslaundry: [ Ссылка ]
Power our coverage of the Maharashtra and Jharkhand elections: [ Ссылка ]
Download the all-new Newslaundry app: [ Ссылка ]
Join us on WhatsApp: [ Ссылка ]
Follow and engage with us on social media:
Facebook: [ Ссылка ]
Twitter: [ Ссылка ]
Instagram: [ Ссылка ]
Ещё видео!