छठ पूजा का महापर्व 18 नवंबर से शुरू होकर 21 नवंबर तक चलेगा। छठ पूजा बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रमुख त्योहारों में से एक है। दरअसल छठ माता की पूजा का महापर्व छठ दीपावली के 6 दिन बाद मनाया जाता है। छठ पूजा में सूर्य देवता की पूजा का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि छठ माता सूर्य देवता की बहन हैं। सूर्य देव की उपासना करने से छठ माई प्रसन्न होती हैं और मन की सभी इच्छाएं पूरी करती हैं। छठ की शुरुआत नहाय खाय से होती है और 4 दिन तक चलने वाले इस त्योहार का समापन उषा अर्घ्य के साथ होती है। 4 दिनों में छठ पूजा से जुड़े कई प्रकार के व्यंजन, भोग और प्रसाद बनाए जाते हैं। व्रत रहने वालों को विधि-विधान के साथ सूर्य पूजा संपन्न करनी होती है। वीडियो में जानें छठ पूजा में सूर्य पूजा का वास्तु और वैज्ञानिक महत्व ।
The Mahaparava of Chhath Puja will start from November 18 and continue till November 21. Chhath Puja is one of the major festivals of Bihar and eastern Uttar Pradesh. Actually, the Mahaparava of Chhath Mata worship is celebrated 6 days after Chhath Deepavali. The worship of the Sun God has special significance in Chhath Puja. It is believed that Chhath Mata is the sister of Sun God. Chhath Mai is pleased by worshiping the Sun God and fulfills all the desires of the mind. Chhath begins with Nahay Khay and ends this 4-day festival with Usha Arghya. Many types of dishes, bhog and prasad associated with Chhath Puja are made in 4 days. Those observing the fast have to perform Surya Puja with rituals. Watch The Video Of Chhath Puja Scientific Reason.
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