#Vividhvharatikiyatra
#3Oct1957
#विविधभारतीकीयात्रा
भारत में रेडियो प्रसारण का आरंभ 23 जुलाई 1927 को हुआ था। आज़ादी के बाद भारत भर में कई रेडियो स्टेशनों का बड़ा नेटवर्क तैयार हुआ। पचास के दशक के उत्तरार्द्ध में आकाशवाणी के प्राईमरी-चैनल देश के सभी प्रमुख शहरों में सूचना और मनोरंजन की ज़रूरतें पूरी कर रहे थे। किन्हीं कारणों के रहते तब आकाशवाणी से फिल्मी–गीतों के प्रसारण पर रोक लगा दी गयी थी। ये फिल्म-संगीत का सुनहरा दौर था। फिल्म जगत के तमाम कालजयी संगीतकार एक से बढ़कर एक गीत तैयार कर रहे थे। उन दिनों श्रीलंका ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन की विदेश सेवा, जिसे हम और आप रेडियो सीलोन के नाम से जानते हैं, हिंदी फिल्मों के गीत बजाती थी और अपने प्रायोजित कार्यक्रमों के ज़रिये तहलका मचा रही थी। ऐसे समय में आकाशवाणी के तत्कालीन महानिदेशक गिरिजाकुमार माथुर ने पंडित नरेंद्र शर्मा, गोपालदास, केशव पंडित और अन्य सहयोगियों के साथ एक अखिल भारतीय मनोरंजन सेवा की परिकल्पना की। इसे नाम दिया गया विविध भारती सेवा। आकाशवाणी का पंचरंगी कार्यक्रम। यहां पंचरंगी का मतलब ये था कि इस सेवा में पांचों ललित कलाओं का समावेश होगा। तमाम तैयारियों के साथ 3 अक्तूबर, 1957 को विविध भारती सेवा मुंबई में शुरू की गयी। विविध भारती पर बजा पहला गीत पंडित नरेंद्र शर्मा ने लिखा था और संगीतकार अनिल विश्वास ने स्वरबद्ध किया था।
विविध भारती सेवा का स्टूडियो मुंबई में था। देश भर के बहुत काबिल निर्माताओं और उदघोषकों को विविध भारती के लिए बुलवाया गया था। ताकि आकाशवाणी की ये मनोरंजन सेवा शुरू होते ही बेहद लोकप्रिय हो जाये।
नामकरण
विविध (भारती) असल अंग्रेज़ी के मिस्लेनियस शब्द का हिन्दी अनुवाद है, जो पं॰ नरेन्द्र शर्मा ने इस नई सेवा को दिया था, जब उन्हें 50 के दशक में फ़िल्मी लेखन से रेडियो में बतौर अधिकारी बुलाया गया।
उजाले उनकी यादों के
विविध भारती ने हमेशा अपनी जिम्मेदारी को समझा है और तत्परता से इसे निभाया भी है। देश का ये एकमात्र रेडियो चैनल है जिसने संगीत को अपना धर्म माना है और हर तरह के संगीत को अपने कार्यक्रमों में जगह दी है। विविध भारती ने डॉक्यूमेन्टेशन का काम भी किया है। चूंकि विविध भारती मूलत: फिल्मी मनोरंजन की सेवा है इसलिए यहां
#Prabhakarmore
Prabhakar more started his career from akashwani, Indore in 1983.he worked for 3 years with Mr. Baba D.K. for Indian Plays. He started voice over for govt. PSAs for Akashwani. He recorded more than 1000 radio & TV commercials and plays. He is fond of acting and acted in many plays, Telefilms and serials. His major work as an actor was performed in suspense serial of DD1. Also involve in social activities for free of cost. and also provide training to new comers voice over artist From 1998 to 1999, he also has done compering for Sanjhati program “SUR,SAZ OR AWAZ” ,which has telecast at Bhopal Doordarshan. His first TV commercial was of Ganga thresher. From 1984, he started to work as emergency announcer in Akashwani. He was also worked as a newsreader in local channel and as a playback voice over in AVRC educational programs. He also acted in the plays of ‘Satya prakashan’ and written many articles for local channels. He awarded for his voice over in the TV show “chhoti si asha” in 2008.Doordarshan Indore .Anguri bani angara ]and any programm in madhya pradesh air station in riay ..Dagar vikas ki ... Thank you so much all my Viewers and Subscribers for this immense support.
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