#chandgawah #chandgawahbookreview #urmilashirish #upnyas #urmilashirishbook #urmilashirishnovel #hindiwriters #writerurmilashirish #prempustak #bookcafe #booksummary #latestbooks #urmilashirishkilokpriyakahaniyan #bookcafe428 #sahityatak #sahityaaajtak22
स्त्री ने सुना
स्त्री ने गाया
और एक साथ तमाम स्त्रियां
महक उठी
नाचने लगी हंसने लगी
और खिलखिलाने लगी
क्योंकि इनमें पृथ्वी कि तमाम
स्त्रियों के संवेद स्वर थे ... उर्मिला शिरीष का उपन्यास 'चाँद गवाह' अपने आप में अनूठा है. यह बताता है कि प्रेम करने की ना तो कोई उम्र होती है और ना ही इसके लिए शारीरिक संबंध की कोई बड़ी भूमिका होती है. अपनी इस हालिया कृति में उर्मिला शिरीष ने स्त्री मुक्ति, स्त्री सशक्तीकरण, स्त्री की सृजनात्मकता, स्त्री समानता जैसे बहुत से उपमान और रूपक गढ़ने का प्रयास किया है. इस उपन्यास में स्त्री मन की करुणा तो शामिल है ही नारी मन के खालीपन को भरने का भाव भी शामिल है. यह एक ऐसा उपन्यास है, जिसकी मुख्य पात्र प्रौढ़ावस्था उम्र की एक लड़की है, जो समाज और परिवार की बेड़ियों को तोड़कर अपनी पहचान तलाशना चाहती है. लेकिन मां, बहन, भाभी जैसे दूसरे स्त्री पात्र उस स्त्री की इस सोच पर जिस तरह से प्रतिक्रिया जाहिर करते हैं, वह हमारे देश में स्त्री चरित्र के दूसरे पहलुओं पर प्रकाश डालता है. उर्मिला शिरीष ने इस उपन्यास में अपने संवाद, दृश्यों, कथा स्थितियों और भाषा के प्रवाह के जरिए एक पठनीय कृति की रचना की है. उपन्यास पारिवारिक और निजी ज़िंदगियों की उलझी हुई परतों और पुरातन मान्यताओं की बारीकी से पोल खोलता है. जो वास्तविकता के करीब और एक व्यक्ति के जीवन का असल यथार्थ है. केवल इतना ही नहीं, यह उपन्यास एक स्त्री की व्यथा को भी व्यक्त करता है. इस उपन्यास का सबसे शानदार केंद्र बिंदु है एक स्त्री. इसके कथानक में स्त्री ही प्रश्न उठाती है और स्त्री ही उसके उत्तर तलाशती है. स्त्री के दोनों पक्ष आपस में टकराते हैं. कौन गलत है- कौन सही जैसे सवालों से घिरी स्त्रियों में से एक स्त्री अपनी परिधि से बाहर निकल जाना चाहती है और दूसरी स्त्री परिधि में रहने का मानसिक दवाब बनाती है. पर इन सबके बीच कौन किस नतीजे पर पहुंचता है, और कथा किस तरह किस्सागोई की शक्ल में आगे बढ़ती है, इसे बिना उपन्यास पढ़े जाना नहीं जा सकता. स्त्री इच्छा और स्वातंत्र्य को दो पीढ़ियों के बीच उकेरती इस उपन्यास की कथा स्त्री मन से देह तक का सफ़र बड़े करीने से तय करती है. प्रश्न उठाती है कि आत्मा के रिश्ते देह के सम्बन्धों से कैसे बड़े होते हैं और सामूहिकता की भावना कैसे अधिक अर्थपूर्ण होती है एकाकी जीवन से. उर्मिला शिरीष हमारे दौर की महत्त्वपूर्ण कथाकारों में से एक हैं. उन्होंने ढेरों कहानियां लिखीं हैं जो हर वर्ग द्वारा सराही गईं. उनकी कहानियों की खासियत ही है कि वह बिना किसी के पक्ष में हुए भी अपनी संवेदनात्मक बुनावट के चलते एक निष्कर्ष देती हैं. आज 'बुक कैफे' के 'एक दिन, एक किताब' कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय ने उर्मिला शिरीष के उपन्यास 'चाँद गवाह' के बारे में अपनी राय दी है. सामयिक पेपरबैक्स से प्रकाशित इस उपन्यास में 128 पृष्ठ हैं, और इसका मूल्य है 250 रुपए.
............................
क्लिक कर देखें लेटेस्ट TAK फोटो गैलरी: [ Ссылка ]
About the Channel
Sahitya Tak आपके पास शब्दों की दुनिया की हर धड़कन के साथ I शब्द जब बनता है साहित्य I वाक्य करते हैं सरगोशियां I जब बन जाती हैं किताबें, रच जाती हैं कविताएं, कहानियां, व्यंग्य, निबंध, लेख, किस्से व उपन्यास I Sahitya Tak अपने दर्शकों के लिये लेकर आ रहा साहित्य के क्षेत्र की हर हलचल I सूरदास, कबीर, तुलसी, भारतेंदु, प्रेमचंद, प्रसाद, निराला, दिनकर, महादेवी से लेकर आज तक सृजित हर उस शब्द की खबर, हर उस सृजन का लेखा, जिससे बन रहा हमारा साहित्य, गढ़ा जा रहा इतिहास, बन रहा हमारा वर्तमान व समाज I साहित्य, सृजन, शब्द, साहित्यकार व साहित्यिक हलचलों से लबरेज दिलचस्प चैनल Sahitya Tak. तुरंत सब्स्क्राइब करें व सुनें दादी मां के किस्से कहानियां ही नहीं, आज के किस्सागो की कहानियां, कविताएं, शेरो-शायरी, ग़ज़ल, कव्वाली, और भी बहुत कुछ I
Sahitya Tak - Welcome to the rich world of Hindi Literature. From books to stories to poetry, essays, novels and more, Sahitya Tak is a melting pot where you will keep abreast of what's the latest in the field of literature. We also delve into our history and culture as we explore literary gems of yesteryears from Surdas, Kabir, Tulsi, Bhartendu, Premchand, Prasad, Nirala, Dinkar, Mahadevi, etc. To know more about how literature shapes our society and reflects our culture subscribe to Sahitya Tak for enriching stories, poems, shayari, ghazals, kawali and much more. Subscribe Sahitya Tak now.
Follow us on Facebook:
[ Ссылка ]
Follow us on Twitter:
[ Ссылка ]
Ещё видео!