SATGURU GYAN NATH JI PAWAN DRAVID LYRICS RAKESH RAHI
LYRICS
कबीर साहब के बाद निराले
करनी वाले सबसे खास जी
सतगुरु ज्ञान नाथ जी
वाल्मीकि दयावान विधाता
जिनके बसे हैं स्वास्थ्य स्वास्थ्य जी
सतगुरु ज्ञान नाथ जी
1
वाल्मीकि तीरथ पर आकर
प्रभु के सेवादार हुए
ज्ञान नाथ जी अमृत पीकर
कबसे तारणहार हुए
हाथ लगावे रोग मिटावे
नस नस में वल्ला का वास जी
2
बिना आंखों के सूरत
देखी सीरत देखी बंदों की
रामायण का पाठ पढ़ाया
तोड़ी रीत पाखंडो की
रब सच्चे नाल जोड़ियां सब नू
सार शब्द का किया जाप जी
3
सभी शक्तियां हर गुण पाया
पाया ज्ञान विधाता से
जब जी चाया ध्यान लगाया
सीधी बातें दाता से
आदिकवि को योग से पाया
योग से पाई सबने दात जी
4
मिल गैरों ने कौम का सतगुरु
खत्म हो जा वे फिर चाया
समझ के राही साध साधारण
बंद जेल में करवाया
प्रभु दया से जंजीरे
कैद में टूटी अपने आप जी
भगवान वाल्मीकि आश्रम अमृतसर को आजाद कराने बाले महान गूरू सतगूरू ग्यान नाथ जी के जन्म दिवस पर आप सबको बहुत-बहुत बधाई ।।
बात उस समय की है जब सतगूरू ग्यान नाथ जी अपने गूरू मुंशी नाथ जी से आशीर्वाद लेकर अमृतसर पहुँचे, तब बहा पर ब्राह्मणो का कबजा था जो यह कहते थे कि यह राम का तीरथ है नाकि वाल्मीकि जी का ।
सतगूरू ग्यान नाथ जी ने उनको ललकारा ओर भगवान वाल्मीकि जी के नाम का धूना जमा दिया । उनको बहुत सताया गया जहा तक कि उनको 85 दिन के लिए जेल भी जाना पड़ा पर उनकी एक ही जिद्द थी कि यह वाल्मीकि आश्रम है ओर हम इसे आजाद करा कर रहेंगे ।
अंत प्रशाशन को झुकना पड़ा ओर आज बहा भव्य वाल्मीकि जी का आश्रम सुशोभित है । सतगूरू ग्यान नाथ जी को मेरा कोटि-कोटि प्रणाम ।
वह अपने अंतिम दिनों तक समाज के लिए ब्राह्मणवाद से लड़ते रहे । कांग्रेस ओर अन्य राजनीतिक पार्टियों ने उनको अपनी पार्टी के लिए प्रचार करने के लिए कहा , पर उनकी एक ही ज़िद रहती की पहले हमारे समाज को टिकट दो मै उनके लिए प्रचार करूंगा ना कि आपकी पार्टी के लिए ।
अंत मे मा कांशीराम जी ओर मा दीना भाना जी उनके आश्रम पर आए ओर बहुजन पार्टी के लिए प्रचार करने के लिए आग्रह कीया जिसको उन्होंने उस वक्त सवीकार भी कीया था ।
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