@crazytraveller001 Bijamandal Vidisha Madhya Pradesh मध्य प्रदेश के विदिशा में स्थित इस संरक्षित स्मारक जिसे आज हम "बीजा मंडल" Beejamandal के नाम से जानते है वो स्थल वास्तव में चर्चिका देवी का मंदिर था संभवतः इसी देवी का दूसरा नाम विजया था, जिसके नाम से इसे विजय मंदिर के रूप में भी ताब्दी में बनवाया गया था।
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बीजमंडल का इतिहास (bijamandal history in hindi )
विदिशा के किले की सीमा के अंदर पश्चिम की तरफ अवस्थित इस मंदिर के नाम पर ही विदिशा का नाम भेलसा पड़ा। सर्वप्रथम इसका उल्लेख सन् 1024 में महमूद गजनी के साथ आये विद्धान अलबरुनी ने किया है। अपने समय में यह देश के विशालतम मंदिरों में से एक माना जाता था।
विजय मंदिर निर्माण किसने करवाया ?
कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण चालुक्य वंशी राजा कृष्ण के प्रधानमंत्री वाचस्पति ने अपनी विदिशा विजय के उपरांत किया। नृपति के सूर्यवंशी होने के कारण भेल्लिस्वामिन (सूर्य) का मंदिर बनवाया गया। इस भेल्लिस्वामिन नाम से ही इस स्थान का नाम पहले भेलसानी और कालांतर में भेलसा पड़ा।
वास्तु शैली
मंदिर की वास्तुकला तथा मूर्तियों की बनावट यह संकेत देते हैं कि 10 वीं - 11 वीं सदी में शासकों ने इस मंदिर का पुननिर्माण किया था। मुस्लिम शासकों के धमार्ंध आक्रमणों की शुरुआत परमार काल से ही आरंभ हो गयी थी। पहला आक्रमण सन् 1233 - 34 ई. में दिल्ली के गुलावंश के शासक इल्तुतमिश ने किया।
सन् 1459 - 60 ई. में मांडू के शासक महमूद खिलजी ने इस मंदिर को तो लूटा ही, साथ- साथ भेलसा नगर व लोह्याद्रि पर्वत के अन्य मंदिरों को भी अपना निशाना बनाया। इसके बाद सन् 1532 ई. में गुजरात के शासक बहादुरशाह ने मंदिर को पुनर्विनाश किया। अंत में धमार्ंध औरंगजेब ने सन् 1682 ई. में इसे तोपों से उड़वा दिया। शिखरों को तोड़ डाला गया। मंदिर के अष्टकोणी भाग को चुनवाकर चतुष्कोणी बना दिया। अवशेष पत्थरों का प्रयोग कर दो मीनारें बनवा दी तथा उसे एक मस्जिद का रूप दे दिया। मंदिर के पार्श्व भाग में तोप के गोलों को स्पष्ट निशान है। सन् 1760 ई. में पेशवा ने इसका मस्जिद स्वरुप नष्ट कर दिया।
पहले यह मंदिर अष्टकोणी था, जिससे 150 गज की दूरी पर द्वार बने थे। सामने विशाल यज्ञशाला था। बांयी ओर बावड़ी थी तथा पिछले हिस्से में सरोवर था। यहाँ खुदाई में मिली अन्य वस्तुओं के साथ मानव व सिंहों के मुखों की आकृतियों में तराशे कीर्तिमुख मिले हैं। बावड़ी, जो पहले पुरी तरह ढकी हुई थी, के स्तंभों पर कृष्णलीला के दृश्य उत्कीर्ण किये गये हैं।
। स्तंभ पर मिला एक संस्कृत अभिलेख यह स्पष्ट करता है कि यह मंदिर चर्चिका देवी का था। संभवतः इसी देवी का दूसरा नाम विजया था, जिसके नाम से इसे विजय मंदिर के रूप से जाना जाता रहा। यह नाम "बीजा मंडल' के रूप में आज भी प्रसिद्ध है।
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बन रहे संसद भवन की डिजाइन इसी विजय मंदिर से प्रेरित है
सोर्स-(wiki )
Bijamandal Beejamandal history in English
Situated in Vidisha, Vidisha got its name as Bhelsa after the name of this temple. It is first mentioned in 1024 by the scholar Alberuni, who came with Mahmud of Ghazni. In its time it was considered one of the largest temples in the country.
Who built the Vijay Mandir?
It is said that this temple was built by Vachaspati, the prime minister of Chalukya dynasty king Krishna, after his conquest of Vidisha. Due to Nripati being a Suryavanshi, the temple of Bhallisvamin (Sun) was built. The name of this place was first named as Bhelsani and later as Bhelsa by the name of this Bheliswamin.
architectural style
The architecture of the temple and the texture of the sculptures indicate that the temple was rebuilt by the rulers in the 10th-11th centuries. The fanatic invasions of the Muslim rulers started from the Parmar period. The first invasion was done in AD 1233-34 by Iltutmish, the ruler of the Gula dynasty of Delhi.
In 1459-60 AD, Mahmud Khilji, the ruler of Mandu, not only looted this temple, but also targeted other temples of Bhelsa city and Lohyadri mountain. After this, in 1532 AD, the ruler of Gujarat, Bahadur Shah, rebuilt the temple. Finally, the fanatic Aurangzeb got it blown up with guns in 1682 AD. The summits were broken. The octagonal part of the temple was selected and made a quadrangle. Made two minarets using relic stones and gave it the form of a mosque. There is a clear mark of cannon balls in the side of the temple. In 1760 AD, the Peshwa destroyed its mosque form.
Earlier this temple was octagonal, from which gates were made at a distance of 150 yards. There was a huge yagyashala in front. There was a stepwell on the left and a lake in the back. Here, along with other objects found in the excavation, carved Kirtimukhas have been found in the figures of the faces of humans and lions. Scenes of Krishna Leela are engraved on the pillars of the stepwell, which was completely covered earlier.
, A Sanskrit inscription found on the pillar makes it clear that the temple belonged to Charchika Devi. Possibly another name of this goddess was Vijaya, by whose name it continued to be known as Vijay Mandir. This name is still famous as "Bija Mandal".
The design of the Parliament building being built under the Central Vista Project is inspired by this Vijay Mandir.
Source-(wiki )
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