शारदीय नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि में क्या मुख्य अंतर है?Chaitra Navratri Aur Shardiya Navratri 2022
Vasanta or Chaitra Navaratri, observed during Shukla Paksha of Chaitra, is common in North India and West India.
मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा चैत्र नवरात्रि में भी की जाती है और शारदीय नवरात्रि में भी, फिर भी आखिर ऐसा क्या है, जो दोनों को एक दूसरे से अलग बनाता है.
क्यों इन दोनों नवरात्रिओं को एक नवरात्रि नहीं माना जाता
क्यों हम हर साल 2 नवरात्रि मनाते हैं
नमस्ते दोस्तों स्वागत है आपका श्री भक्ति में
चलिए विडियो शुरू करते हैं
दोस्तों
गृहस्थ और पारिवारिक
लोगों के लिए साल में दो बार नवरात्रि (Navratri) का पर्व आता है.
पहला चैत्र के महीने में, इस नवरात्रि के साथ हिंदू नव वर्ष (Hindu New Year) की भी शुरुआत होती है. इसे चैत्र नवरात्रि कहा जाता है.
दूसरी नवरात्रि आश्विन माह में आती है, जिसे शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है.
क्या आप जानते हैं की
पौष और आषाढ़ के महीने में भी नवरात्रि का पर्व आता है, जिसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है,
लेकिन उस नवरात्रि में तंत्र साधना की जाती है,
इसलिए गृहस्थ जीवन में रहने वाले लोगों को या परिवार के लोगों को पोष और आषण के महीने में आने वाली नवरात्रि मनाने की सलाह नहीं दी जाती है
गृहस्थ और पारिवारिक लोगों के लिए सिर्फ चैत्र और शारदीय नवरात्रि को ही उत्तम माना गया है. दोनों में ही मातारानी के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है.
अब जानते हैं कि
चैत्र नवरात्रि मनाने का कारण क्या है
ऐसा कहा जाता है कि जब धरती पर महिषासुर का आतंक काफी बढ़ गया और देवता भी उसे हरा पाने में असमर्थ हो गए, क्योंकि महिषासुर का वरदान प्राप्त था
कि कोई भी देवता या दानव उसपर विजय प्राप्त नहीं कर सकता. ऐसे में देवताओं ने माता पार्वती को प्रसन्न कर उनसे रक्षा का अनुरोध किया. इसके बाद मातारानी ने अपने अंश से नौ रूप प्रकट किए, जिन्हें देवताओं ने अपने शस्त्र देकर शक्ति संपन्न किया. ये क्रम चैत्र के महीने में प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर 9 दिनों तक चला, तब से इन नौ दिनों को चैत्र नवरात्रि के तौर पर मनाया जाने लगा.
क्योंकि इन 9 दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों का जन्म हुआ था
तो यह कारण है चैत्र नवरात्रि मनाने के पीछे
पर अब हम जानेंगे कि क्यों शरदिया नवरात्रि मनाई जाते हैं
ऐसा कहा जाता है
देवी दुर्गा ने आश्विन के महीने में महिषासुर पर आक्रमण कर उससे नौ दिनों तक युद्ध किया और दसवें दिन उसका वध किया. इसलिए इन नौ दिनों को शक्ति की आराधना के लिए समर्पित कर दिया गया. चूंकि आश्विन मास में शरद ऋतु का प्रारंभ हो जाता है, इसलिए इसे शारदीय नवरात्रि कहा जाता है.
मां दुर्गा ने महिषासुर के साथ 9 दिनों तक युद्ध करके उसे हराया और इस सृष्टि को उसके आतंक से मुक्त कराया इस कारण मां दुर्गा के द्वारा महिषासुर नामक अंधकार को इस दुनिया से हटाने व दुनिया को एक नई रोशनी देने के रूप में शरदीय नवरात्रि मनाए जाते हैं और यह शरद ऋतु में आते हैं इसलिए इन्हें शरदीय नवरात्रि कहा जाता है
शारदीय नवरात्रि के दसवें दिन को विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है.
इन मामलों में भी अलग है चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि
– चैत्र नवरात्रि के दौरान कठिन साधना और कठिन व्रत का महत्व है,
जबकि शारदीय नवरात्रि के दौरान सात्विक साधना, नृत्य, उत्सव आदि का आयोजन किया जाता है.
ये दिन शक्ति स्वरूप माता की आराधना के दिन माने गए हैं.
चैत्र नवरात्रि का महत्व महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में अधिक है,
जबकि शारदीय नवरात्रि का महत्व गुजरात और पश्चिम बंगाल में ज्यादा है. शारदीय नवरात्रि के दौरान बंगाल में शक्ति की आराधना स्वरूप दुर्गा पूजा पर्व मनाया जाता है.
वहीं गुजरात में गरबा आदि का आयोजन किया जाता है.
– चैत्र नवरात्रि के अंत में राम नवमी आती है. मान्यता है कि प्रभु श्रीराम का जन्म राम नवमी के दिन ही हुआ था. जबकि शारदीय नवरात्रि के अंतिम दिन महानवमी के रूप में मनाया जाता है. इसके अगले दिन विजय दशमी पर्व होता है. विजय दशमी के दिन माता दुर्गा ने महिषासुर का मर्दन किया था और प्रभु श्रीराम ने रावण का वध किया था. इसलिए शारदीय नवरात्रि विशुद्ध रूप से शक्ति की आराधना के दिन माने गए हैं.
– मान्यता है कि चैत्र नवरात्रि की साधना आपको मानसिक रूप से मजबूत बनाती है और आध्यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति करने वाली है. वहीं शारदीय नवरात्रि सांसारिक इच्छाओं को पूरा करने वाली मानी जाती है
चैत्र नवरात्रि कहो या फिर शारदीय नवरात्रि माता रानी की पूजा अर्चना के यह नौ दिन मन को एकदम शांत शीतल व पवित्र करने वाले होते हैं
यदि आप भी इसी बात पर विश्वास रखते हैं तो इस वीडियो को लाइक जरूर कीजिएगा और ऐसे ही अद्भुत कथाओं के लिए अपने श्री भक्ति पर प्यार बरसाए रखें
Navratri, a nine-day Hindu festival, is a celebration of Shakti (power). The festival which has deep religious significance is celebrated five times a year - Vasanta or Chaitra Navaratri, Ashadha Navaratri, Sharad Navaratri, Paush Navaratri and Magha Navaratri. However, it is Vasanta Navaratri which falls in March-April and Sharad Navaratri (in September-October) which are celebrated with great fervour.
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