Bhajan - Mhanuni Bare Jhale - Shri Manik Prabhu Maharaj Sung by Shri Anandraj Manik Prabhu
अर्थ: यह तो अच्छा हुआ कि मैं सद्गुरु की शरण में चला गया॥ध्रु.॥
गुरुमहाराज ने ‘तत्त्वमसि’ इस महावाक्य के उपदेश द्वारा जीव और शिव का ऐक्य करवा दिया है॥1॥
गुरुमहाराज की कृपा से मुझे वर्तमान देह के रहते हुए ही मुक्ति की प्राप्ति हो गई है, मेंरे मन में जन्म और मरण के संबंध में जो भ्रांति थी, उसे गुरुमहाराज ने हर लिया है॥2॥
माणिक कहते हैं कि गुरुकृपा से जगत् समाप्त हो गया है, उसकी प्रतीति ही नहीं होती, अब तो केवल पूर्ण ब्रह्म ही शेष बचा है, (पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते।) मुझे उसीका ज्ञान, अपने आत्मस्वरूप का ज्ञान हो गया है॥3॥
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