माता गौरी जी के ध्यान श्लोक - पंकज शर्मा || Shri Mata Gouri Ji Ke Dhyan🚩#panditpankajvishwanathshastri
देवी जी के ध्यान -
1.मुखे ते ताम्बूलं नयनयुगले कज्जलकला
ललाटे काश्मीरं विलसति गले मौक्तिकलता।
स्फुरत्काञ्ची शाटी पृथुकटितटे हाटकमयी
भजामि त्वां गौरीं नगपतिकिशोरीमविरतम्।।1।।
2.महाकालीरूपा त्वमसि दनुजानां क्षयकरी,
महालक्ष्मी रूपा त्वमसि भजतां भोगकरणी |
महावाणी रूपा त्वमसि जगतां मोहहरणी,
स्मरामि त्वां नित्यं सकल जगतामेक जननीं||2||
3.माया कुण्डलिनी क्रिया मधुमती काली कला मालिनी मातङ्गी विजया जया भगवती देवी शिवा शाम्भवी |शक्तिः शङ्करवल्लभा त्रिनयना वाग्वादिनी भैरवी ह्रींकारी त्रिपुरा गुणा गुणमयी माता कुमारेश्वरी||3||
4.रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति॥
5.देवि प्रपन्नार्ति हरे प्रसीद प्रसीद मातर्जगतो अखिलस्य। प्रसीद विश्वेश्वरी पाहि विश्वं त्वमिश्वरी देवि चराचरस्य।।
6.बाला सु बाला नयने विशाला |
रणेतकराला धृत मुंड माला ||
भक्तानुपाला दितिवंशकाला | माम् पातु बाला गिरिराज बाला
7.
दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो: स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि। दारिद्र्यदु:खभयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदाऽऽर्द्रचित्ता॥
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