लघुकथा- पेपरवाला
लेखक- उमाकांत खुबालकर
प्रस्तुतकर्ता एवं निर्देशन- गौरीशंकर रैणा
उमाकांत खुबालकर की कहानी मानवीय मूल्यों एवं संवेदनाओं को अपने अंदर समेटे हुए है| एक रिटायर पिता चौरंगी अपनी पत्नी दुलारी के साथ अपने आदर्शों और सिद्धान्तों को लिए अपने बेटे का लौटने का इंतज़ार करता है, वहीं पेपरवाला जिसका काम सुबह-सुबह घरों में अखबार फेंकने का होता है अपनी पहचान भूलकर हर जगह पेपरवाला के नाम से ही जाना जाता है| पेपरवाला की कहानी एक रिटायर पिता और एक पेपरवाले के बीच के रिश्तों, उनके संबंधों और स्थापित उनके ऊॅंचे आदर्शों को दिखलाती है| अखबार के माध्यम से दो रिश्तों को बहुत ही मार्मिक अंदाज़ में जोड़ने की कोशिश की गई है|
#Telefilm #Cinema #Newspaper #Relations #Father
Connect with Prasar Bharati Archives & DD Cinema:
Visit PB Archives WEBSITE: [ Ссылка ]
Like PB Archives on FACEBOOK: [ Ссылка ]
Follow PB Archives on TWITTER: [ Ссылка ]
Follow PB Archives on INSTAGRAM: [ Ссылка ]
You can watch our Archivals footage also at android platform on NewsOnAir PrasarBharati Official app AIR News+Live from the Google play store: [ Ссылка ]
Subscribe our channel for more updates.
Ещё видео!