संकष्टी चतु या संकटा चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित त्योहार है। इस दिन गणेश भक्त जीवन में अपने बाधाओं को दूर करने और कठिन समय से बाहर आने के लिए भगवान गणेश का व्रत करते हैं। यह संकष्टी चतुर्थी त्यौहार हर महीने कृष्ण पक्ष के “चतुर्थी” (चौथे दिन) को मनाया जाता है। इसे "संकट हारा चतुर्थी" के नाम से भी जाना जाता है। संकष्टी चतुर्थी जो मंगलवार को पड़ती है, वह अंगारकी चतुर्थी के रूप में जानी जाती है | हिंदू पंचांग में एक चंद्र माह दो चतुर्थी (तिथियां) दर्शाता है। संकष्टी चतुर्थी ’पूर्णमासी के बाद या कृष्ण पक्ष के दौरान पूर्णिमा के दिन पड़ती है, जबकि विनायक चतुर्थी’ अमावस्या के बाद या शुक्ल पक्ष के दौरान अमावस्या पर पड़ती है। संकष्टी चतुर्थी उत्तरी और साथ ही भारत के दक्षिणी राज्यों में मनाई जाती है। शब्द "संकष्टी" इसका अर्थ है "कठिन समय से स्वतंत्रता"।
जो भी व्यक्ति #संकष्टीचतुर्थी का व्रत करते हैं और संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा सुनते हैं गणेश भगवान उनके सभी संकटों को दूर कर देते हैं। संकष्टी चतुर्थी के दिन सूर्योदय से पहले नहा धोकर गणेश जी की फोटो या प्रतिमा को साफ कर धूप,दीप, अक्षत,रोली, मौली, दुर्वा आदि से पूजा करें। ओम गणेशाय नमः या ओम गं गणपतए नमः मंत्र का जाप करें। फिर गणेश भगवान को लड्डू का भोग लगाएं।शाम के समय संकष्टी चतुर्थी की व्रत कथा सुननी चाहिए। गणेश चतुर्थी का व्रत चंद्रमा के दर्शन और अर्घ्य के बिना पूरा नहीं माना जाता।
संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा सुनने मात्र से भगवान श्री गणेश जी सब संकटों को दूर करेंगे | पितृपक्ष की चतुर्थी को संकटा चतुर्थी भी कहते हैं । #संकष्टीचतुर्थी व्रत सब मनोकामना को करने वाला है। इस वीडियो में आश्विन माह की संकष्टी चतुर्थी की बाणासुर वाली कथा दिखाई गई है जिसमें भगवान श्री कृष्ण ने संकष्टी चतुर्थी का व्रत कर शिव भक्त बाणासुर को उसके पापों का फल दिया | संकष्टी चतुर्थी के दिन अपने मन में किसी के प्रति बुरे विचार, क्रोध, लालच, घमंड ना आने दे। संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन श्री गणेश भगवान का ध्यान करते हुए सन्यम से रहें। भविष्य पुराण के अनुसार जब मन संकटों से घिरा हुआ महसूस करे, और कोई राह ना दिखाई दे तो गणेश संकष्टी चतुर्थी का व्रत करें । इस संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत से जीवन में आ रहे संकटों और परेशानियों से छुटकारा मिलता है और धर्म, अर्थ, मोक्ष, विद्या, धन व आरोग्य की प्राप्ति होती है ।आइए सुनते हैं संकष्टी चतुर्थी की कथा !
Sankashti Chaturthi or Sankata Chaturthi is a festival dedicated to Lord Ganesha. On this day Ganesha devotees observe Lord Ganesha's fast to overcome their obstacles in life and come out of difficult times. This Sankashti Chaturthi festival is celebrated every month on the "Chaturthi" (fourth day) of Krishna Paksha. It is also known as "Sankat Hara Chaturthi". Sankashti Chaturthi which falls on Tuesday is known as Angarki Chaturthi. A lunar month in the Hindu calendar indicates two Chaturthi Tithis (dates). Sankashti Chaturthi falls on the full moon day after Purnamasi or during Krishna Paksha, while Vinayaka Chaturthi falls on Amavasya after Amavasya or during Shukla Paksha. Sankashti Chaturthi is celebrated in the northern as well as southern states of India. The word "Sankashti" means "freedom from difficult times".
Lord Ganesha removes all their problems from those who observe the fast of #Sankashtichaturthi and listen to the Sankashti Chaturthi vrat katha. On the day of Sankashti Chaturthi, before taking a bath before sunrise, clean Ganesha's photo or statue and worship it with, lamp, Akshat, Roli, Mauli, Durva etc. Chant Om Ganeshaya Namah or Om Gan Ganpataye Namah Mantra. Then offer laddus to Lord Ganesha. One should listen to the fast story of Sankashti Chaturthi during the evening. The fast of Ganesh Chaturthi is not considered complete without the sight of the moon and the arghya.
This video shows the sankashti chaturthi vrat katha. Sankashti Chaturthi which also known as sankat chaturthi or sakat chauth is observed in on the fourth day of Krishna Paksha is the day of lord Ganesha. On the occasion of sankashti chaturthi vrat people observe fast and listen sankashti chaturthi ki kahani. In the kahani of Sankashti chaturthi, lord Krishna performed the vrat of sankashti chaturthi and after vrat of sankashti chaturthi with the blessing of lord ganesh he killed shiva's devotee demon banasura. May lord Ganesh fulfil your all desires on the occasion on sankashti chaturthi a.k.a sakat chauth a.k.a sankat chaturthi. Let us watch #sankashtivratkatha and perform ganesh pooja to get His blessings. Happy sankat chaturthi vrat !
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