#CBI_probe_into_Murthal_gangrape_case
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साल 2016 में जाट आंदोलन के दौरान हरियाणा हिंसा की आग में बुरी तरह झुलस गया था। हिंसा के दौरान मुरथल इलाके में कई महिलाओं से गैंगरेप की खबरें सामने आई थी, लेकिन इस मामले को लेकर पुलिस और सरकार दोनों की कार्यशैली सवालों के घेरे में रही। पुलिस को सबूत हाथ नहीं लगे वहीं सरकार ऐसी किसी भी घटना होने से ही इनकार करती रही। लेकिन लेकिन अब करीब डेढ़ साल बाद एमिकस क्यूरी की जो रिपोर्ट सामने आई है उससे खुलासा हुआ है कि मुरथल में दरिंदगी हुई थी।दरअसल हरियाणा हाईकोर्ट की मदद कर रही एमिकस क्यूरी ने मामले में जांच रिपोर्ट सौंप दी है। एमिकस क्यूरी के वरिष्ठ अधिवक्ता अनुपम गुप्ता ने बताया है कि जाट आंदोलन के दौरान 9 महिलाओं के साथ रेप की वारदात को अंजाम दिया गया था। अनुपम गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि दंगों की जांच के लिए गठित एसआईटी के सदस्य विजय वर्धन को गैंगरेप की जानकारी हरियाणा के पूर्व डीजीपी केपी सिंह ने दी थी, लेकिन विजय वर्धन ने कोर्ट से ये बात छिपाई। उन्होंने कहा कि इससे साबित होता है कि वह किसी न किसी दबाव में काम कर रहे थे। इसके साथ ही अनुपम गुप्ता ने मामले को लेकर हरियाणा सरकार को भी घेरा। अनुपम गुप्ता ने कहा कि इसे लेकर खट्टर सरकार रुख शुरू से ही नकारात्मक रहा और सरकार यह साबित करने में लगी हुई है कि मुरथल में कोई दुष्कर्म हुआ ही नहीं। जबकि हरियाणा पुलिस अभी तक यह कह रही है कि अभी तक कोई पीड़िता सामने नहीं आई। ऐसे में जांच आगे नहीं बढ़ सकती। अनुपम गुप्ता ने हाई कोर्ट को बताया है कि मुरथल गैंगरेप मामले सहित जाट आंदोलन के दौरान कुल 1212 FIR दर्ज की गई थी, लेकिन इनमें से सिर्फ 921 मामलों की अंतरिम रिपोर्ट तैयार की गई है, 184 मामलों में रिपोर्ट तैयार ही नहीं है. पुलिस केवल 172 लोगों को गिरफ्तार कर पाई थी। साथ ही एमिकस क्यूरी अनुपम गुप्ता ने अब हाईकोर्ट से अपील की है। कि वो मुरथल गैंगरेप की जांच सीबीआई को सौंपे।
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