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बजरंग बाण | पाठ करै बजरंग बाण की हनुमत रक्षा करै प्राण की | जय श्री हनुमान | तिलक प्रस्तुति 🙏 Watch the video song of ''Darshan Do Bhagwaan'' here - [ Ссылка ]
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रावण की सभा में जब श्री राम और लक्ष्मण के देवता होने की बात करते हैं तो मेघनाध को क्रोध आता है और वो शत्रुओं को मारने की बात करता है। इंद्रजीत रावण से आज्ञा माँगता है की वो उन पर आक्रमण कर सके और उन्हें रात्रि में ही हमला करके मार दे।
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श्री राम, सीता जी और लक्ष्मण वनवास को काटने के लिए वन में आगे बढ़ते हैं और रास्ते में अत्रि ऋषि के आश्रम पर उनसे मिलने के लिए रुक जाते हैं। श्री राम जी को अत्रि ऋषि गुरु माँ अनुसुया से मिलाते हैं। अनुसुया सीता जी को दिव्य आभूषण एवं वस्त्र देती हैं और पति धर्म का ज्ञान भी देती हैं। श्री ऋषि अत्रि से आज्ञा लेकर दंडकार्णय वं को राक्षसों से मुक्त कराने के लिए निकल पड़ते हैं। राक्षसों को मारते हुए श्री राम सीता जी और लक्ष्मण वन में आगे बढ़ते हैं और श्र्भंग मुनि से मिलते हैं। फिर वो उनसे मिलकार आगे वन में बढ़ते हैं और ऋषि अगस्त्य से मिलते हैं ऋषि अगस्त्य की कथा श्री राम सीता जी और लक्ष्मण को सुनाते हैं। अगस्त्य ऋषि से आज्ञा लेकर श्री राम सीता जी और लक्ष्मण पंचवटी में कुटिया बना कर रहने लगते हैं जहां उनकी मित्र जटायु से हो जाती है। श्री राम अपना जीवन वनवासियों की तरह व्यतीत कर रहे थे। एक दिन रावण की बहन शूर्पणखा वहाँ से गुजर रही थी तो उसका ध्यान श्री राम पर पड़ता है वो उनसे मोहित होकर उनके पास जाती है और उनसे विवाह का प्रस्ताव रखती है तो श्री राम उसे कहते हैं की वो उस से शादी नहीं कर सकते क्योंकि उन्होंने एक पत्नी व्रत की प्रतिज्ञा ले रखी है वो शूर्पणखा को लक्ष्मण के पास भेजते हैं। लक्ष्मण भी शूर्पणखा से विवाह के लिए मना कर देते हैं तो वो फिर से श्री राम के पास जाती है और उन्हें मनाने की कोशिश करती है लेकिन श्री राम उसे फिर से मना कर देते हैं। शूर्पणखा को क्रोध आ जाता है और वो सीता जी को मारने के लिए आगे बढ़ती है तो श्री राम लक्ष्मण को उसे रोकने के लिए कहते हैं तो लक्ष्मण शूर्पणखा कि नाक काट देते हैं। शूर्पणखा वहाँ से भाग जाती है और अपने अपमान का बदला लेले की बात कहती है। शूर्पणखा अपने अपमान का बदला लेने के लिए अपने भाई खर और दूषण के पास जाती है और अपने अपमान का बदला लेने के लिए कहती है। खर दूषण श्री राम से युद्ध करने के लिए अपनी सेना को लेकर निकल पड़ते हैं। श्री राम खर दूषण को चेतावनी देते हैं लेकिन वो नहीं मानते तो श्री राम अपनी माया शक्ति से उनकी सेना को आपस में ही लड़वा देते हैं। अंत में श्री राम खर और दूषण का भी वध कर देते हैं। शूर्पणखा यह देख कर अपने भाई रावण के पास जाती है और उनसे अपने अपमान का बदला लेने के लिए सीता का हरण करने के लिए कहती है। रावण की सभा में उसका भाई विभीषण भी बैठा था वह सब कुछ सुनकर रावण को समझाता है लेकिन रावण उसकी एक नहीं सुनता और मारीच के साथ मिलकर सीता जी का हरण करने की चल चलता है। मारीच भी रावण को समझता है लेकिन रावण के सिर पर अपनी बहन का अपमान और सीता को हरण करने की सोच हावी हो चुकी थी। मारीच रावण की बात मान कर सोने का मृग बन जाता है और सीता जी के सामने चला जाता है सीता जी उस मृग को देख कर मोहित हो जाती है और श्री राम को उसे लाने के लिए भेज देती है। श्री राम के आते ही मारीच भागने लगता है और श्री राम को दूर ले जाता है जैसे ही श्री राम को समझ आता है की ये कोई मायावी है तो वो उस पर बाण चला देते हैं। मारीच बाण लगते ही श्री राम की आवाज़ में लक्ष्मण और सीता को मदद के लिए पुकारने लगता है। श्री राम क्की आवाज़ सुन सीता जी लक्ष्मण को श्री राम की मदद के लिए भेजती है तो लक्ष्मण कुटिया के चारों ओर लक्ष्मण रेखा खिंच का उस कुटिया को मंत्र से सुरक्षित बना देता है और सीता जी को कहता है की वो इस रेखा के बाहर ना जाए। लक्ष्मण के जाते ही सीता जी को अकेले देख रावण ब्राह्मण का भेष बदल कर आता है और सीता जी से भिक्षा माँगता है। रावण को भिक्षा देने के लिए जैसे ही सीता जी रेखा पर करके बाहर जाती है तो रावण उन्हें उठा लेता है और अपने साथ अपने पुष्पक विमान में बैठा कर लंका की ओर चल पड़ता है। जटायु रावण को रोकने की कोशिश करते हैं लेकिन रावण जटायु के पंख काट देता है जिस से जटायु ज़मीन गिर जाता है।
रामायण एक भारतीय टेलीविजन श्रृंखला है जो इसी नाम के प्राचीन भारतीय संस्कृत महाकाव्य पर आधारित है। यह श्रृंखला मूल रूप से 1987 और 1988 के बीच दूरदर्शन पर प्रसारित हुई थी।
इस श्रृंखला के निर्माण, लेखन और निर्देशन का श्रेय श्री रामानंद सागर को जाता है। यह श्रृंखला मुख्य रूप से वाल्मीकि रचित 'रामायण' और तुलसीदास रचित 'रामचरितमानस' पर आधारित है।
इस धारावाहिक को रिकॉर्ड 82 प्रतिशत दर्शकों ने देखा था, जो किसी भी भारतीय टेलीविजन श्रृंखला के लिए एक कीर्तिमान है।
Ramayan is an Indian television series based on ancient Indian Sanskrit epic of the same name. The show was originally aired between 1987 and 1988 on DD National. It was created, written, and directed by Ramanand Sagar. The show is primarily based on Valmiki's 'Ramayan' and Tulsidas' 'Ramcharitmanas'.
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रामायण कथा | अरण्य कांड
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