Matkar maya ko Ahankar - Neeraj Arya's Kabir Cafe
Released on - 20th AUG 2016
Genre- Folk
Album- Panchrang
#matkarmayakoahankar
#scam1992
#harshadmehta
मत कर माया को अहंकार, मत कर काया को अभिमान,
काया गार से काची - 2
ओ काया गार से काची , हो जैसे ओस रा मोती,
झोंका पवन का लग जाए, झपका पवन का लग जाए,
काया धूल हो जासी - 2
ऐसा सख्त एक महाराज, जिसका मुल्कों पे राज,
जिन घर झूलता हाथी - 2
ओ जिन घर झूलता हाथी, हो जैसे ओस रा मोती,
झोंका पवन का लग जाए, झपका पवन का लग जाए,
काया धूल हो जासी - 2
रे मत कर माया को अहंकार ...
खूट्यो सिन्दड़ा रो तेल, बिखर गयो सब निज खेल,
बुझ गयी दिया की बाती - 2
ओ बुझ गयी दिया की बाती, हो जैसे ओस रा मोती,
झोंका पवन का ...
झूठा माई थारो बाप, झूठो सकल सब परिवार,
झूठी कूटता छाती - 2
ओ झूठी कूटता छाती, हो जैसे ओस रा मोती,
झोंका पवन का ...
बोल्या भवानी हो नाथ, गुरु ने जो सर पे धरया हाथ,
जिनसे मुक्ति हो जासी - 2
( मुक्ति सतत है, इसलिए इस पंक्ति में 'ओस रा मोती' नहीं गाएंगे )
मत कर माया को अहंकार, मत कर काया को अभिमान,
काया गार से काची - 2
ओ काया गार से काची , हो जैसे ओस रा मोती,
झोंका पवन का लग जाए, झपका पवन का लग जाए,
काया धूल हो जासी - 2
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