We all know about Rani Lakshmi Bai, the Queen of Jhansi who fought for independence of India during the Revolt of 1857. Her story is an inspiration for all of us.
Rani Lakshmi Bai, popularly known as Jhansi Ki Rani, was born as Manikarnika in Bhadaini District of Varanasi, Uttar Pradesh. Her father trained her as a warrior when she was quite young. When she became the Queen of Jhansi, fought for its independence against the British, who acquired Jhansi as per their policy of Doctrine of Lapse. Dressed as a man, Rani Lakshmibai fought a fierce battle with British in Gwalior, and was martyred in combat.
"From the bards of Bundela we have heard this story.. She fought valiantly like a man, she was the Queen of Jhansi."
रानी लक्ष्मीबाई (Rani Lakshmibai) की शौर्य गाथाएं किसको नहीं पता! उनका जिक्र आते ही हम अपने बचपन में लौट जाते हैं और सुभद्रा कुमारी चौहान की पंक्तियां गुनगुनाने लगते हैं. सन १८३५ में, वाराणसी ज़िले के भदैनी में, मोरोपन्त तांबे के घर में जन्मी रानी लक्ष्मीबाई का बचपन का नाम मनिकार्निका था. नाम बड़ा था, इसलिए घर वालों ने उन्हे मनु कहकर बुलाना शुरु कर दिया, जिसे बाद में दुनिया ने रानी लक्ष्मीबाई के नाम से जाना. बचपन में उनके सिर से मां भागीरथी बाई का साया हट गया. पिता मोरोपन्त तांबे ने मनु को माता और पिता, दोनों बनकर पालना था. उन्होंने मनु को कभी भी मां की कमी महसूस नहीं होने दी, और एक बेटे की तरह ही बड़ा किया. उन्होंने मनु को पढ़ाई केसाथ युद्ध कौशल भी सिखाए. धीरे-धीरे मनु घुड़सवारी, तलवारबाज़ी और तीरंदाज़ी में पारंगत होती गईं. देखते ही देखते मनु एक योद्धा की तरह, कुशल हो गईं. मनु महज़ १३-१४ साल की रही होंगी, जब उनकी शादी झांसी के राजा, गंगाधर राव से कर दी गई. उन्हें एक पुत्र की प्राप्ति भी हुई थी, लेकिन चार महीने की अल्पआयु में ही, उसकी मृत्यु हो गई. अंग्रेज़ों से अपने राज्य को बचाने के लिए, राजा गंगाधर राव ने एक बच्चे को गोद लिया. लेकिन गंगाधर राव, बच्चे के नामकरण के अगले दिन ही चल बसे. अपनी खुद की संतान न होने के कारण अंग्रेजी हुकूमत ने, रानी लक्ष्मीबाई को झांसी छोड़ने का फ़रमान जारी कर दिया. अपनी स्वतंत्रता के लिए, रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों के खिलाफ़ लड़ाई लड़ी और युद्ध में वें वीरगति को प्राप्त हो गईं. आइए रानी लक्ष्मीबाई की हिम्मत, शौर्य और देशभक्ति की कहानी सुने.
"बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी."
Chapters:
0:00 Intro
0:33 Childhood of Rani Lakshmibai
4:45 Marriage & Reign as Rani of Jhansi
6:41 Capture of Gwalior & Martyrdom
#ranilakshmibai #jhansikirani #manikarnika
Ещё видео!