Mahisasura Mardini Stotram With Lyrics | Navratri 2024 | Aigiri Nandini |#trending#viralvideos#yt
"ऐ गिरि नंदिनी" (Mahishasura Mardini Stotram) एक प्रसिद्ध संस्कृत स्तोत्र है जिसे आदि शंकराचार्य ने लिखा था। इसका हिंदी लिप्यंतरण नीचे दिया गया है:
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ऐ गिरि नंदिनी, नंदितमेदिनी, विश्व विनोदिनी, नंदिनुते।
गिरिवरविंध्यशिरोऽधिनिवासिनी, विष्णुविलासिनी, जिष्णुनुते॥
भगवती हे शिथिकंठकुटुम्बिनी, भूरिकुटुम्बिनी, भूरिकृते।
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि, रम्यकपर्दिनि, शैलसुते॥
सुरवरवर्षिणि, दुर्धरधर्षिणि, दुर्मुखमर्षिणि, हर्षरते।
त्रिभुवनपोषिणि, शंकरतोषिणि, किल्बिषमोषिणि, घोषरते॥
दनुज निवर्षिणि, दितिसुतर्षिणि, दुर्मदशर्षिणि, शस्त्रते।
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि, रम्यकपर्दिनि, शैलसुते॥
अयि जगदंब मदंब कदंब वनप्रियवासिनि हासरते।
शिखरि शिरोमणि तुंग हिमालय श्रीनिजालय मध्यगते॥
मधुमधुरे मधुकैटभगंजिनि, कैटभभंजिनि, रासरते।
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि, रम्यकपर्दिनि, शैलसुते॥
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यह स्तोत्र देवी दुर्गा की महिमा का वर्णन करता है और उनकी शक्ति, करुणा और विजय को नमन करता है। आप इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ गा सकते हैं।
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