बिहार में आज कुछ विश्वविद्यालय करप्शन के एपि सेंटर बनते जा रहे हैं. बच्चों की पढ़ाई लिखाई तो क्या होगी कुलपतियों पर ही सरकारी फंड के वारे न्यारे करने के आरोप लग रहे हैं. बिहार में शिक्षा व्यवस्था पहले से ही बदहाल है, रही सही कसर भ्रष्ट तंत्र पूरी कर दे रहा है. आप सोचिए अगर किसी यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर ही पढाई की बजाए पैसे कमाने के दुष्चक्र में फंस जाए तो उन विश्वविद्यालय के अधीन कॉलेजों का क्या हाल होगा. सबसे बड़ी चौंकाने की बात तो ये कि इस पर ना सुशासन बाबू कोई कार्रवाई करते नजर आ रहे हैं और ना ही वो राज्यपाल जिनके अधीन विश्वविद्यालयों के कुलपित होते हैं.
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