शिव भक्ति से ही मिलेगी भगवान राम की कृपा | तुलसीदास जी की गुप्त शिक्षा पूज्य राजन जी महाराज #bhakti
तुलसीदास जी के द्वारा रचित पवित्र ग्रंथ 'रामचरितमानस' में एक गुप्त रहस्य छिपा है जो उत्तरकाण्ड के इस दोहे में प्रकट होता है
"औरउ एक गुपुत मत सबहि कहउँ कर जोरि।
संकर भजन बिना नर भगति न पावइ मोरि॥"
इस पवित्र दोहे में भगवान राम का संदेश है कि जो भी भक्त सच्चे हृदय से मेरी भक्ति चाहता है, उसे पहले भगवान शिव की आराधना करनी होगी। तुलसीदास जी के अनुसार, शिव भक्ति के बिना राम भक्ति अधूरी है। पूज्य राजन जी महाराज ने इस गुप्त रहस्य को उजागर करते हुए बताया कि शंकर जी की आराधना से ही भक्त को राम की भक्ति प्राप्त होती है, और यह शांति, भक्ति और मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करती है।
हमारे इस विशेष शॉर्ट वीडियो में, पूज्य राजन जी महाराज के सुंदर विचारों के माध्यम से जानें कि कैसे भगवान शिव की भक्ति से भगवान राम की कृपा प्राप्त की जा सकती है। इस भजन और विचारों को सुनें और अपने जीवन में शिव और राम भक्ति को अपनाएं।
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।। जय श्री राम ।। 🙏🚩
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