पत्रकारिता से सूचना अलग कर दी गई है। ख़त्म हो गई है। उसकी जगह डिबेट से भरने की कोशिश हुई। डिबेट से अब कुछ भी नहीं निकलता। इस ख़ाली जगह को इंटरव्यू से भरा जा रहा है। अब उससे भी कुछ नहीं निकल रहा है। राष्ट्र के नाम उपदेश की यह दूसरी कड़ी है। देखिएगा तो अच्छा लगेगा। दूसरों को भी दिखाइयेगा तो और भी अच्छा लगेगा।
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