नारद ने बाल्मीकि को इक्ष्वाकु वंश में पैदा हुये राम के विषय में बताया : उनकी रावध वध तथा वापस अयोध्या आने तक की पूरी रामकथा सुनाई : तदनन्तर ब्रह्मा जी आये और बाल्मीकि की काव्य प्रतिभा से प्रभावित होकर उनसे अपनी काव्य शक्ति द्वारा राम कथा को विस्तार से लिखने को प्रेरित किया : तब वाल्मीकि ने नारद द्वारा लगभग आधा घण्टे में सुनाई राम कथा को हजारों श्लोकों में लिखा : इस वीडियो के माध्यम से जानिये बाल्म्मिकि रामायण जिसे कि मूल रामायण माना जाता है उसकी पूर्ण सच्चाई :
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