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Jai Hind Vande Mataram 🙏
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Credits:
Music Director / Composer - Dev Next Level
Singer - Modern Singh
Lyrics - Chandi Karanpura
Video - Nirdeshak Rao
Vocal Recording - Beatlab (Mohit Bhutani)
Music Production & Sound Design - Dev Next Level
पृथ्वीराज को 'राय पिथौरा'
भी कहा जाता है। वह चौहान राजवंश
का प्रसिद्ध राजा थे।पृथ्वीराज चौहान
का जन्म वीर राजपूत
महाराजा सोमश्वर के यहाँ हुआ था।
उनकी माता का नाम
कपूरी देवी था।
पृथ्वीराज चौहान जो कि वीर राजपूत
योधा थे बचपन से ही वीर और
तरवारबाजी के शौकिन थे।उन्होँने बाल
अव्सथा मेँ ही शेर से लड़ाई कर
उसका जबड़ा फार डाला.पृथ्वीराज ने
अपनी राजधानी दिल्ली का नवनिर्माण
किया
कहा जाता है कि पृथ्वीराज की सेना में
तीन सौ हाथी तथा 3,00,000 सैनिक थे,
जिनमें बड़ी संख्या में घुड़सवार भी थे.
तराइन का प्रथम युद्ध (गौरी की पराजय)
-- थानेश्वर से १४ मील दूर और सरहिंद के
किले के पास तराइन नामक स्थान पर यह
युद्ध लड़ा गया। तराइन के इस पहले युद्ध में
राजपूतो ने गौरी की सेना के छक्के
छुड़ा दिए। गौरी के सैनिक प्राण बचा कर
भागने लगे। जो भाग गया उसके प्राण बच
गए, किन्तु जो सामने आया उसे गाजर-
मुली की तरह कट डाला गया। सुल्तान
मुहम्मद गौरी युद्ध में बुरी तरह घायल हुआ।
अपने ऊँचे तुर्की घोड़े से वह घायल अवस्था में
गिरने ही वाला था की युद्ध कर रहे एक
उसके सैनिक की दृष्टि उस पर पड़ी।
उसने
बड़ी फुर्ती के साथ सुल्तान के घोड़े
की कमान संभल ली और कूद कर गौरी के
घोड़े पर चढ़ गया और घायल गौरी को युद्ध
के मैदान से निकाल कर ले गया।
नेतत्वविहीन सुल्तान की सेना में
खलबली मच चुकी थी। तुर्क सेनिक राजपूत
सेना के सामने भाग खड़े हुए। पृथ्वीराज
की सेना ने ८० मील तक इन भागते
तुर्कों का पीछा किया। पर तुर्क सेना ने
वापस आने की हिम्मत नहीं की।
इस तरह चौहान ने गोरी को १७ बार
खदेड़ा ,राजपुता की प्रथा है
की वो निहत्थे दुश्मन पर हमला नहीं करते
थे .इसी का फयदा उठाकर गोरी बार
बार
बचता गया और सम्राट चौहान के पेरो में
गिर कर माफ़ी मांग लेता
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