जय यमकेश्वर महादेव (History About Yamkeshwar Mahadev Temple)
यमकेश्वर महादेव के नाम से भगवान शिव का अत्यंत प्राचीन मंदिर है यमकेश्वर मंदिर के निकट का टीला जो पीपल के पते के सवरूप भी एक प्रकिर्तिक शिवलिंग के सामान है जिसके चारो और जल रहता है इस मंदिर का एक चमत्कार हैं जिस किसी दम्पति का संतान नहीं होता हैं उसे यहाँ आना पड़ता हैं और एक पीतल या तांबे का घड़ा बह्ग्वान शिव को अर्पित करना पड़ता हैं यमकेश्वर महादेव जी का मन्दिर उत्तराखंड की हरी भरी वादियो मैं बसा हुआ हैं ऋषिकेश उत्तराखंड से 150 किलोमीटर की दुरी पर बसे हैं कोटद्वार से मंदिर की दूरी लगभग 80 किमी है, कुछ वयोवृद्ध ऐसे वनद्वीप भी कहते है उत्तराखंड में गढ़वाल मंडलान्तर्गत पौड़ी जनपद है हरिद्वार तथा कोटद्वार, गढ़वाल के दो प्रवेश द्वारों के मध्य पर्वतीय अंचल में यमकेश्वर नामक स्थान है। पुराणों में वर्णित मार्कण्डेय की मृत्यु पर विजय की कथा से संबंधित है Read Full Blog
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