रात में लाल बत्ती लगाकर Jaipur से Tonk तक गश्त करते 'DG साहब', Tonk Police ने ऐसे उतारा भौकाल..
अगर किसी की पुलिस बनने की इच्छा हो तो वो ज्यादा से ज्यादा क्या करेगा.. पुलिस की परीक्षा देगा। लेकिन अगर ये परीक्षा ना निकल सके.. और फिर भी उसे पुलिस बनने की तलब लगी हो.. तब वो ज्यादा से ज्यादा क्या करेगा.. शायद 20 लाख रुपए लाएगा और एसआई का पेपर खरीदकर थानेदार बन जाएगा जैसे अभी कई लोग बने हैं। लेकिन टोंक में ऐसे सज्जन मिले हैं जिन्हें ना तो एग्ज़ाम देना था.. और ना ही एसआई भर्ती में जाना था बल्कि सीधा राजस्थान पुलिस का डीजी यानि डायरेक्टर जेनरल, यानि महानिदेशक बनना था.. जनाब भी कमाल हैं.. ना थानेदार ना एसपी.. स्कॉर्पियो में लाल और नीली बत्ती लगाई और सीधा डीजी बन गए.. लेकिन क्या हुआ जब इनका सामना असली पुलिस से हो गया.. वो भी टोंक पुलिस, जिनकी कमान इस वक्त एसपी विकास सांगवान और डीएम सौम्या झा के हाथ में है।
ये हैं जयपुर के लोकेश मीणा.. उम्र 30 साल.. ये जनाब रोज़ रात को लाल बत्ती वाली स्कॉर्पियो लेकर जयपुर से निकलकर टोंक तक गश्त करते हैं.. खुद को डीजी बताकर लोगों की समस्या सुनते हैं.. और आलम तो ये है कि लोकेश मीणा खुद को पुलिस अधिकारी बताकर जरूरत पड़ने पर काम करवाने के वादे भी कर रहा था.. लेकिन सोमवार 6 जनवरी के रोज़ लोकेश का ये खेल खत्म हो गया जब उसका सामना असली पुलिस से हो गया.. जब डिप्टी एसपी मृत्युंजय मिश्रा एरिया में पेट्रोलिंग रहे थे. तभी उन्हें पता चलता है की जयपुर के एक पुलिस अधिकारी नोहटा की तरफ कार में घूम रहे हैं. डिप्टी एसपी को शक हुआ और वो भी नोहटा की तरफ रवाना होते हैं. साथ ही बरोनी थाना अधिकारी मानवेन्द्र सिंह भी जाप्ते के साथ नोहटा के लिए रवाना हो गए. और तभी नोहटा मोड़ के पास इन्हें लाल-नीली बत्ती लगी ये स्कॉर्पियो दिख गई। बस फिर क्या नकली पुलिसवाला लोकेश असली पुलिस के हत्थे लग गया.. और डीजी का नंबरप्लेट लगाकर घूम रहे लोकेश का भौकाल देख टोंक पुलिस भी उस वक्त दंग रह गई। इस गाड़ी को देखकर कहीं से भी नहीं लग रहा था कि ये पुलिस की गाड़ी नहीं है.. बल्कि साहब की गाड़ी में बकायदा ड्राइवर भी थे और पुलिस का साइरन भी लगा था।
टोंक पुलिस ने जैसे ही उससे पूछा कि आप जयपुर में कहां तैनात हैं.. अपने आसपास के अधिकारियों से बात कराइए.. लोकेश सकपका गया.. बिदक-बिदककर रोने लगा.. और आखिरकार उसने अपनी गलती की मांफी मांग ली।
पूछताछ में पता चला कि नकली डीजी लोकेश मीणा एक टैक्सी ड्राइवर है जो जयपुर में कैब चलाता है.. ये पुलिस बनने की उसकी सनक ही थी जिसमें वो नकली पुलिसवाला बनकर शहर भर में घूमता है। हालांकि बड़ा सवाल ये कि अब तक इसने कितने लोगों को इस तरह चूना लगाया होगा।
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