Shri ASHOK KHOSLA Jee
Composition by - KULPEEP SINGH jee
Yaadein Live in Concert
An Evening of Rememberance
Ghazal Nazms & Geets
Tauseef Akhtar - Ashok Khosla - Ghansham Vaswani
The Legend Live on A Homage Jagjit Singh Jee
On the Occasion of Jagjit Singh ji's 2 nd Death Anniversary
Mumbai 11 October 2013
रस्ते भर रो रो के हमसे पूछा पाँव के छालोँ ने,
बस्ती कितनी दुर बसा ली दिल मेँ बसने वालोँ ने.
कौन हमारा दर्द पढ़ेगा इन जख़्मी दीवारोँ पर,
अपना अपना नाम लिखा है सारे आने वालोँ ने.
दिल का गमोँ से रिश्ता क्या है, इश्क़ का हासिल आँसू क्यूँ,
हमको कितना ज़हर पिलाया इन बेदर्द सवालोँ ने.
अपनी ग़जलो से गीतो से तुने युं (जग जीत) लिया,
पेश किये हें तुमको दिलो के नज़राने, दिलवालों ने.
बर्बादी का मेला देखूँ ' क़ैसर ' अपनी आँखोँ से,
मेरे घर को छोड़ दिया है बस्ती फूँकने वालोँ ने.
- ' क़ैसर ' उल ज़ाफरी
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