why did lord shiva fight with lord Krishna- the story of Banasura and how Krishna cut his 1000 arms.
शौँतीपुर जो की आज के तेजपुर / असम में पड़ता है वह पे बाणासुर नामक एक दैत्य राजा रहता था उसके एक हज़ार भुजाए थी एक बार उसने भगवन शिव को अपने नृत्य से प्रसन्न किया और फिर वरदान स्वरुप उसने शिव को अपने राज्य का रक्षक बनने को कहा और भगवन शिव ने अपने गणो के साथ उसके राज्य में रहना शुरू कर दिया। दैत्यराज की एक पुत्री होती है उषा जो की भगवन विष्णु की भक्त होती है एक रात उसे देवकृपा से स्वपन में एक युवक दिखाई दिया और उषा उसे अपना दिल दे बैठी।
उसकी एक चित्रलेखा नाम की एक सखी होती है जिससे उषा स्वपन वाली साड़ी बात बता देती है और उस युवक को ढूंढने की बात कहती है। तब चित्रलेखा ने चित्र बनाने शुरू किये और और उषा के बताये हुए उसने एक चित्र बनाया जो की श्री कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध का था। उसे देखके वो शर्म से झुक गयी।
तब चतुर्दशी की रात को चित्रलेखा अनिरुद्ध को द्वारका से उठा के शांतिपुर उषा के सामने लाती है और फिर दोनों को आपसे में मिलाती ह। तभी बहार खड़े द्वारपालों ने अंदर का सारा वृतानत बाणासुर को बताया और बाणासुर क्रोध में उषा के कक्ष में जाता है और अपने सैनिको को उसे मारने का आदेश देता है मगर अनिरुद्ध सैनिको को पल भर में मार देता है तब बाणासुर और अनिरुद्ध में भेषां युद्ध होता है और बाणासुर अपनी मायावी शक्ति से अनिरुद्ध को नागपाश से बाँध कर बंदी बनाकर कारगर में दाल दिया।
द्वारका में अनिरुद्ध के अचानक गायब होने से हड़कंप मच गया तब देवऋषि नारद भगवन कृष्ण को बाणासुर द्वारा अनिरुद्ध को बंदी बनाने की बात बताते है और भगवन श्री कृष्ण अपनी स्मपुर्ण सेना लेके बाणासुर के राज्य शौंतीपुर पर चढाई क्र देते है। अपने भक्त पर संकट आते देख भगवन शिव अपने गणो सहित कृष्ण से युद्ध करने को त्यार हो जाते है। और इस तरह से आरम्भ होता है शिव और कृष्ण के मध्य वो भयंकर युद्।
दोनों सेनाए एक दूसरे पर दिव्यास्त्रों से वार करती है लेकिन कोई भी सेना हार नहीं मानती तब भगवन श्री कृष्ण ने जृभणास्त्र का उपयोग करके भगवन शिव सहित सभी गणो को एक गहरी निद्रा में दाल दिया और उसके बाद श्री कृष्ण और बाणासुर में संग्राम होता है। भगवन श्री कृष्ण अपने सुदर्शन चक्र से बाणासुर की बाजुए काट देते है और उसकी ४ ही भुजाए रहती है। फिर जैसे ही श्री कृष्ण अपने सुदर्शन से उसका सर काटना कहते है तभी भगवन शिव निद्रा से जाग जाते है और भगवन श्री कृष्ण को रोक लेते है।
शिव कृष्ण को बताते है की इसका गर्व खंडित करने के लिए ही मेने आपको इसकी भुजाए काटने दी ये मेरा भक्त है इसलिए आप इसका वध न करे और अनिरुद्ध और इसकी पुत्री ।
This is a story of how a devotion of a worshipper can make a god turn against another god. This story is about Banasur a devotee of lord shiva who with his devotion had pleased Shiva and as a boon, he asked lord shiva to be his guardian and requested lord shiva along with his gana and family to live in this state. And lord shiva agrees and moves to his state along with family and ganas. Banasur had a daughter who was a devotee of Lord Vishnu and one night with divine grace she saw a young man in her dream and immediately she fell for him and in the morning she tells everything to her fast friend chitrelekha. Then chitralekha draws pictures as per Usha’s reference of that young man when chtralekh is finished with a picture she shows it to usha and seeing the pictures she starts blushing.
Then on the night of Chaturdashi chitralekha with her divine powers of illusions abducts Aniruddha from Dwarka from his bedroom while he was asleep and takes her to the Usha. After Aniruddha meets Usha he also falls for her and the incident of the presence of a strange man in the bedroom of usha is seen by her guards and they immediately report it to Banasur and Banasura with anger goes to the bedroom of her daughter and asks his soldiers to kill Aniruddha but Aniruddha kills them in a second then banasua fights Aniruddha and when he couldn’t overpower him fairly he with his power of illusion chained him with nagpasha.
When in the morning ladies in Dwarka finds Aniruddha missing they go to Krishna and report to him that happened then Narada comes to Dwarka and tells lord Krishna how Chitralekha with her powers of illusion has taken Aniruddha to the kingdom of Banasura and how he is in the prison of Banasura.
Then Lord Krishna along with his brother Balarama and his force goes to Shauntipur and when he reaches shantipur lord shiva realizing that his devotee is in danger along with his force confronts Lord, Krishna.
And war is started between two gods and then Lord Krishna using jrinbhastra put lord shiva and all his force to sleep and then fights Banasura and with his Sudarshan chakra cut down all his arms but 4. When Krishna intends to cut the head of his enemy then lord shiva wakes up from sleep and requests Krishna not to kill him as Banasura is his devotee and he has given him a boon to secure his life and his daughter and your grandson are in love with each other so leave this enmity and lord Krishna accepts the proposals of lord shiva and takes usha to Dwarka as the wife of Aniruddha.
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