IPS Krishna Kumar Bishnoi
कृष्ण कुमार बिश्नोई 2018 बैच के IPS ऑफिसर हैं और वह राजस्थान के बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना ब्लॉक से ताल्लुक रखते हैं. लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय से पूरी की हैं. इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की.
IPS केके बिश्नोई, वो युवा अफसर, जिनका करियर अभी 6 साल का है। लेकिन, हौसले बुलंद हैं। मेरठ, मुजफ्फरनगर और गोरखपुर में माफिया की अवैध कोठियों पर बुलडोजर चला, तो बिश्नोई ने मलबा तक नहीं उठने दिया। यूपी के सबसे खूंखार अपराधियों में शामिल बदन सिंह बद्दो, संजीव जीवा, सुशील मूंछ और विनोद उपाध्याय के किले ढहा दिए।2018 बैच के IPS बिश्नोई पिछले 27 महीने से गोरखपुर के एसपी सिटी हैं। वह इतने इंटेलिजेंट हैं, जिन्हें विदेश से पढ़ाई के लिए 40 लाख की स्कॉलरशिप मिली। वर्ल्ड की टॉप-2 यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री हासिल की। कई नामचीन कंपनियों ने उन्हें ऑफर दिया। लेकिन, खाकी वर्दी के जुनून के आगे सभी पैकेज से हाथ जोड़ लिए। कौन हैं केके बिश्नोई? कैसी है उनकी लाइफ स्टाइल? अब तक की उपलब्धियां क्या हैं?
राजस्थान के बाड़मेर जिला मुख्यालय से 65 किमी दूर दोहरीमन्ना गांव पड़ता है। यहां किसान सुजानाराम के घर 1 जनवरी, 1994 को बेटे ने जन्म लिया। नाम रखा गया- कृष्णा। लेकिन जैसे ही गांव के प्राथमिक विद्यालय में एडमिशन हुआ, तो नाम लिखा गया कृष्ण कुमार। कृष्ण कुमार बिश्नोई अपने 6 भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। पिता सुजानाराम संपन्न किसान हैं और मां गंगा देवी गृहिणी।
बिश्नोई बताते हैं- मेरी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही प्राइमरी स्कूल में हुई। गांव में घर से करीब एक किमी की दूरी पर प्राइमरी और जूनियर स्कूल है। गांव के बच्चों के साथ पैदल स्कूल जाते थे। पिता किसान और व्यापारी हैं, तो अपने भाइयों के साथ खेत देखने चला जाता था। कई बार कपड़े मिट्टी में सन जाते थे। इस पर पिता बस यही कहते- यह माटी है, जितने ही कपड़े इसमें सनते हैं, उतनी ही किसान की मेहनत और पहचान समझी जाती है। बड़ा हुआ, तो पिता के साथ खेती के काम में भी हाथ बंटाना शुरू कर दिया।
गांव के सरकारी विद्यालय से 8वीं में जिले का टॉपर बना। यह सुनकर पिता और मां की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। एक दिन पिता ने कहा- अब कक्षा- 9 में पढ़ाई के लिए बेटे को बाहर भेजूंगा। उसके बाद सीकर के प्रिंस स्कूल में एडमिशन ले लिया। साल 2008 में प्रथम श्रेणी में हाईस्कूल पास किया। 2010 में केंद्रीय विद्यालय-1 वायुसेना जोधपुर से 12वीं पास किया।
बिश्नोई बताते हैं- 12वीं करने के बाद मैं दिल्ली चला गया और सेंट स्टीफन कॉलेज से 2013 में BA किया। यह देश के सबसे नामचीन कॉलेजों में से एक है। यहीं से मेरी विदेश से पढ़ाई करने की इच्छा हुई। लेकिन मुझे घर से पैसा नहीं चाहिए था। मैं चाहता था, अपनी मेहनत से पढ़ाई करूं। मैंने फ्रांस में स्टडी के लिए स्कॉलरशिप का फॉर्म भरा। इसमें मेरा सिलेक्शन भी हो गया। फ्रांस सरकार ने मुझे 40 लाख रुपए की स्कॉलरशिप दी।
उस समय स्कॉलरशिप पाने वाला इकलौता भारतीय था। मेरा सिलेक्शन पेरिस स्कूल ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स के लिए हुआ। यहां 2015 में अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा में मास्टर डिग्री हासिल की। इसके बाद फ्लेचर स्कूल ऑफ एंड डिप्लोमेसी से भी पढ़ाई की। फिर 6 महीने US में रिसर्च की।
इसके बाद मेरा सिलेक्शन यूनाइटेड नेशन के ट्रेड सेंटर में कंसल्टेंट ग्रुप में बतौर सलाहकार हो गया। मुझे यहां 30 लाख का सालाना पैकेज मिला। यहां करीब एक साल तक काम किया। लेकिन, मन में यही था कि सफर यहां तक नहीं होना चाहिए। मुझे और पढ़ाई करनी थी। एक दिन घर में फोन किया और कहा- मैं आ रहा हूं, मुझे अपने घर में ही पढ़ाई करनी है। अभी मुझे और पढ़ना है। घरवाले भी खुश हो गए।
इसके बाद मैंने JNU में दाखिला लिया। यहां रिसर्च के लिए मेरी पूरे देश में पहली रैंक आई। यहां मैंने चीन से संबंधित विषय पर एम फिल की। इसके बाद 23 साल की उम्र में विदेश मंत्रालय जॉइन कर लिया। अंडर सेक्रेटरी के लेवल का काम मिला। इस दौरान विदेश सेवा संस्थान में 8 देशों के लिए एक्सपर्ट के तौर पर ट्रेनिंग दी। लेकिन तभी मन में IPS बनने का विचार आया। मैंने ठान लिया कि अब UPSC का एग्जाम देना है।
मैंने खुद से यह भी प्रॉमिस किया कि इस एग्जाम के लिए सेल्फ स्टडी करूंगा। इसके लिए कोई कोचिंग नहीं लूंगा। पहली बार बिना तैयारी मैंने एग्जाम दिया, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। दूसरे प्रयास में UPSC क्रैक किया और मुझे 2018 बैच मिल गया। बिना कोचिंग 24 साल की उम्र में IPS अधिकारी बन गया,
Ещё видео!