Gazal Maestro Papon Live at Jashn-E-Rekhta 2024
Sham E Gazal
रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ
अहमद फ़राज़
रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ
कुछ तो मिरे पिंदार-ए-मोहब्बत का भरम रख
तू भी तो कभी मुझ को मनाने के लिए आ
पहले से मरासिम न सही फिर भी कभी तो
रस्म-ओ-रह-ए-दुनिया ही निभाने के लिए आ
किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम
तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ
इक उम्र से हूँ लज़्ज़त-ए-गिर्या से भी महरूम
ऐ राहत-ए-जाँ मुझ को रुलाने के लिए आ
अब तक दिल-ए-ख़ुश-फ़ह्म को तुझ से हैं उमीदें
ये आख़िरी शम'एँ भी बुझाने के लिए आ
AN EVENING OF GHAZAL
FUSION
An unforgettable evening at Jashn-e-Rekhta awaits, as Papon takes the stage for Shaam-e-Ghazal, blending traditional ghazals with his soulful, contemporary touch. Known for his unique voice and heartfelt renditions, Papon will breathe new life into timeless ghazals, creating an experience of melody, nostalgia, and pure emotion.
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