AYYAM E FATIMA NOHA 2024 | Pasliyan Thaam Kar | Abbas Ali Arfi Noha Fatima Zehra 2024 | Nohay 2025 | Ayyam E Fatmiyah Noha 2024
#ayyamefatmiya #bibifatima #noha2024 #azadarichitora #newnohay2024
#fatima_zahra #bibifatimazehra #newnoha #ayyamefatmiyyah #abbasaliaarfi
Title - Noha Bibi Fatima 2024 | Pasliyan Thaam Kar | Nohay 1446/2024
Related - Shahadat Bibi Fatima Zahra New Noha 2024/1446
Reciter & Composer - Abbas Ali Aarfi
Poetry - Ali Raza Surani
Chorus - Rizwan Mirza & Team
Audio - ODS
DOP - Zahid Ali
Video & Production - @AzadariChittora
Lyrics
बाप को दर्द की रूदाद सुनाने के लिए
ज़ुल्म उम्मत का पयम्बर को बताने के लिए
लेके हाथों में असा घर से चली हैं ज़हरा
अपने टूटे हुए पहलू को दिखाने के लिए
आईं क़ब्रे पयम्बर पे खैरुन निसा पसलियां थाम कर
मर्सिया ये लहद पर नबी की पढ़ा पसलियां थाम कर
दर्द ए पहलू से बाबा निकलता है दम
मुझपे ढाए हैं उम्मत ने इतने सितम
आपके बाद ज़हरा को चलना पड़ा पसलियां थाम कर
क्या कहीं आपने ऐ मेरे बाबा जां
ऐसी देखी है दुनियां में कोई जवां
जो चले अपने हाथों में लेकर असा पसलियां थाम कर
अपने बाबा से ज़हरा ने रो कर कहा
जलता दरवाज़ा जिस दिन से मुझ पर गिरा
कर रही हूं नमाज़े मैं अपनी अदा पसलियां थाम कर
सुब्बत अलय्या मसाईबुन लौ अन नहा
सुब्बत अलल अय्यामे सिरना लेयालिया
रो के फिर फातमा ज़हरा ने कहा ऐ बाबा
मुझपे जो कोहे मुसीबत है गिरा ऐ बाबा
दिन पे पड़ जाता तो दिन रात मे होता तबदील
मैंने हर वक्त मगर सब्र किया ऐ बाबा
गर्दने मुर्तज़ा में रसन जब पड़ी
दर्द से मैं भी बे हाल थी उस घड़ी
साथ हैदर का उस हाल में भी दिया पसलियां थाम कर
बाबा ये सोच कर मेरा दिल है निढाल
क्या कहूँगी जो ज़ैनब करेगी सवाल
मां कमर खम है क्यूं , क्यूं हो चलती भला पसलियां थाम कर
दर्द से मैं तड़पती रही ऐ पदर
होगी तकलीफ़ हैदर को ये सोच कर
सामने उनके मैं ना गई बा खुदा पसलियां थाम कर
छुप के करते हैं दोनों बरादर बुका
मेरे हसनैन रोते हैं बेसाख्ता
देखते हैं जो चक्की चलाना मेरा पसलियां थाम कर
ऐ सुरानी वो मंज़र कयामत का था
गुस्ल ज़हरा को हैदर ने जिस दम दिया
चीख कर रोए उस वक्त ख़ुद मुर्तज़ा पसलियां थाम कर
Ещё видео!