मलमास का नाम तो आपने सुना ही है। पुराणों में अधिकमास यानी मलमास के पुरुषोत्तम मास बनने की बड़ी ही रोचक कथा मिलती है। यही कथा अब एनिमेशन के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे हैं। धरती पर एक बड़ा ही भयंकर दैत्य हिरण्यकश्यप रहता था।
हिरश्यकश्यप ने अजर-अमर होने के लिए ब्रह्माजी की घोर तपस्या की।
ब्रह्माजी - वत्स, हम तुम्हारी तपस्या से खुश हुए। वरदान मांगो।
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अब आप सोच रहे होंगे कि वरदान प्राप्त होलिका कैसे जल गई? तो ब्रह्माजी ने कहा था कि इस वरदान का दुरुपयोग होगा तो यह निष्फल हो जाएगा। इधर भगवान विष्णु हिरण्यकश्यप का संहार करने के पूर्व सूर्य और चंद्र की गति को समझकर 12 माह को 13 माह में बदलकर उस माह का नाम अधिक मास रख देते हैं। क्योंकि हिरण्यकश्यप को यह वरदान था कि वह ब्रह्मा के बनाए 12 माह में से किसी भी माह में नहीं मरेगा।
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