00:00 सखी मन लागे ना
24:19 बलमा मोरी तोरे संग
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सखी मन लागे ना
काहूं जतन जिया मानत नाही मोरा
समझाय रही ।
ना जानूं बालम मिले कब
इब्राहिमे प्रीत लगाये पछताय रही ॥
24:19
बलमा मोरी तोरे संग लागली प्रीत ।
घर आंगना ना कछु नाही भावे
हितवा मितवा सदारंगीले घर आईलो
देखी ये प्रीत की रीत ॥
– Niyamat Khan 'Sadarang'
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