माता_अनसूया #शांडिली_कथा #पतिव्रता_धर्म #आध्यात्मिक_प्रेरणा #भक्ति_की_शक्ति #हिन्दू_महिमा #नारी_शक्ति #धर्म_की_कथा #पौराणिक_कथा #शक्ति_का_महत्त्व #समर्पण #सतीत्व #धार्मिक_कहानी #शक्ति_की_महिमा #SpiritualStories #Devotion #AncientIndia #PowerOfFaith #motivation
यह कथा सती अनसूया की अतुलनीय पतिव्रता और तपोबल की अद्भुत कहानी है। जब त्रिदेव—ब्रह्मा, विष्णु और महेश—उनकी परीक्षा लेने के लिए साधु रूप में उनकी कुटिया पर आए, तो उन्होंने अनसूया को असंभव प्रतीत होने वाली शर्त पर आतिथ्य करने को कहा। सती अनसूया ने अपने तप और पतिव्रता धर्म के बल से न केवल उनकी शर्त को पूरा किया, बल्कि त्रिदेव को शिशु रूप में परिवर्तित कर अपनी गोद में खेलाया। इस घटना ने त्रिदेवियों—पार्वती, लक्ष्मी और सरस्वती—के अभिमान को चूर कर दिया।
त्रिदेवियों ने अपनी भूल स्वीकार करते हुए सती अनसूया की महानता को नमन किया। सती अनसूया की पतिव्रता और तप ने न केवल त्रिदेवों को उनकी गोद में शिशु रूप में स्थान दिया, बल्कि यह भी प्रमाणित किया कि सच्ची नारी शक्ति और पतिव्रता के आगे देवताओं का भी सिर झुकता है। अंत में त्रिदेव ने प्रसन्न होकर वरदान दिया और माता अनसूया की गोद में पुत्र रूप में जन्म लिया।
यह कथा हमें सिखाती है कि पतिव्रता और सच्चे धर्म के पालन से कुछ भी असंभव नहीं है। यह कहानी नारी के सम्मान, मर्यादा और अद्वितीय शक्ति को उजागर करती है।
Ещё видео!