माण्डूक्योपनिषद आगम (प्रथम) प्रकरण पर स्वामी अखंडानंद सरस्वती जी (महाराज श्री) द्वारा व्याख्या: भाग ३:
सम्पूर्ण ग्रंथ: माण्डूक्योपनिषद आगम प्रकरण: [ Ссылка ]
१. "शास्त्र" पद व्याख्या
२. शास्त्र - प्रकरण विवेक
३. माण्डूक्योपनिषद का प्रयोजन क्या है?
४.
"एको हंसो भुवनस्यास्य मध्ये स एवाग्निः सलिले संनिविष्टः।
तमेव विदित्वा अतिमृत्युमेति नान्यः पन्था विद्यतेऽयनाय॥
वेदाहमेतं पुरुषं महान्तमादित्यवर्णं तमसः परस्तात्।
तमेव विदित्वातिमृत्युमेति नान्यः पन्था विद्यतेऽयनाय॥"
सूत्र व्याख्या
५. शास्त्र के ज्ञान से "ही" ब्रह्मज्ञान हो "ही" जाता है।
६. यदि मोक्ष नित्य है तो साधन से उत्पन्न कैसे होगा तथा यदि मोक्ष अनित्य है तो उससे वैराग्य हो जाना चाहिए; इन दोनों अवस्थाओं में शास्त्रज्ञान की क्या आवश्यकता है?
७. यदि आपको किसी प्रकार का दुःख है तो ही आपको साधन की आवश्यकता है अन्यथा नहीं।
८. जो जिसको जानता है वह उससे अलग होते हैं।
९. जो चीज समझदारी से मिटती है, वह समझदारी से पहले भी नहीं होती है; उसी प्रकार जो चीज नासमझी से दिखती है, वह असल में नहीं होती है।
१०. आनंद का कोई कार्य, कारण नहीं होता; न ही उसमें सजातीय, विजातीय तथा स्वगत भेद नहीं होता।
११. आनंद देश, काल परिच्छिन्न नहीं होता तथा कभी भी परोक्ष नहीं होता।
१२. आनंद परम प्रेमास्पद होने के कारण तथा आत्म सर्वाधिक प्रिय होने के कारण कभी अन्य नहीं होता।
१३. "आत्म" पद व्याख्या
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Part 3 of Mandukya Kaarika Aagam Prakaran by Swami Akhandanand Saraswati Ji. This part explains these topics:
1. What is Shastra ? 2 different meanings - Shamshanath & Shaashanath shastra
2. What is a Prakarana grantha ? Adhikari & Phala for this shastra
3. Is sadhana neccesary for this vidya ?
4. If Saakshi is a dukhi then who reports duhkhi ?
5. A defect in understanding creates this identification with a single body
6. 5 Important things to remember regarding Anand
7. It has no cause, nor effect . It is complete when Vishaya is absent
8. Swagatha ,Vijathiya & Sajathiya bheda rahita
9. Never Parokshatva for Ananda ie., it is never unknown when it is !
10. 4 Meanings of Atma
Mandukya Aagam Prakaran 3 | माण्डूक्योपनिषद आगम प्रकरण३
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