विश्व विख्यात चौमुखी महादेव मंदिर वैशाली।
यह मंदिर बिहार के वैशाली जिले में कम्मन छपरा में स्थित है. यह मंदिर झारखंड के बाबा वैद्यनाथ मंदिर और वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के बीच में पड़ता है. महाशिवरात्रि के मौके पर यहां श्रद्धालुओं की काफी भीड़ जुटती है.
क्या है मान्यता
मंदिर को लेकर मान्यता है कि जब भगवान श्रीराम, लक्ष्मण अपने गुरु विश्वामित्र के साथ जनकपुर जा रहे थे तो तीनों यहां ठहरे थे. तीनों ने चौमुखी महादेव की पूजा भी की थी. एक कथा है कि इस मंदिर की स्थापना द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण के समय वणासुर ने कराई थी. यहां मौजूद शिवलिंग चतुर्मुख है और ऐसा शिवलिंग कहीं और नहीं है. चक्रकार आधार की धरातल से ऊंचाई करीब 5 फीट है. इसमें सात महल भी हैं. दक्षिण में शिवलिंग के मुख में त्रिनेत्रधारी शिव हैं, जबकि अन्य तीन दिशाओं में भगवान ब्रह्मा, विष्णु और सूर्य़देव हैं.
खुदाई के दौरान मिला था शिवलिंग
इस शिवलिंग के मिलने की कहानी भी दिलचस्प है. बताया जाता है कि करीब 120 साल पहले यहां कुएं की खुदाई चल रही थी. इस दौरान यह दुर्लभ शिवलिंग लोगों को दिखा. शिवलिंग देखते ही लोगों ने खुदाई बंद करा दी. कई साल तक इसे यूं ही छोड़ दिया गया. कुछ ग्रामीण शुभ काम से पहले यहां मिट्टी के 5 ढेले रखकर आ जाते थे. इसके बाद यह धीरे-धीरे मंदिर के रूप में आने लगा. उस वक्त इसे ढेलफोरवा महादेव मंदिर का नाम दिया गया था. समय के साथ-साथ इसका नाम बदलता गया. 2013 में इसका नाम चौमुखी महादेव मंदिर रखा गया.
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