पौराणिक कथा के अनुसार, दक्ष की पुत्री ने अपने प्राण त्याग दिए थे और हिमालय के घर पार्वती के रूप में पुनर्जन्म लिया था। पार्वती भगवान शिव से विवाह करना चाहती थीं। इसके लिए उन्होंने श्रावण मास में तपस्या की
। उनकी भक्ति से भगवान शिव प्रसन्न हुए और उन्होंने उनकी इच्छा पूरी की।
श्रावण मास की गड़ना दो प्रकार से की जाती है
एक संक्रांति के अनुसार और दूसरा पूर्णिमा के अनुसार। पूर्णिमा तिथि के अनुसार, सावन महीना का आरंभ 22 जुलाई 2024 दिन सोमवार से हो रहा है और सावन महीने का समापन 19 अगस्त को होगा। वहीं, संक्रांति के अनुसार, सावन महीना का आरंभ 16 जुलाई से सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश करने के साथ ही हो जाएगा।
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