Shvetashvatara Upanishad -377🌹प्रवचन-41🌹स्वामी अखंडानंद सरस्वती जी 🌹🛐का भाष्य🙏💐#swamiakhandanandsaraswatiji #shvetashvatara #upanishad#prastavana #pravachan #spritual #motivation #vedantasimplified #vedanta #anand_vrindavan#dailysatsang ➡️Shvetashvatara Upanishad🌹 स्वामी अखण्डानंद सरस्वती जी महाराज 🌹🛐 शुभारंभ 🌹 👆वेदान्त-विचारमें ऐतिहासिकताकी प्रधानता नहीं होती, विषय- वस्तु की प्रधानता होती हैस्नातं तेन समस्ततीर्थसलिलें सर्वाऽपि दत्ताऽवनि- ज्ञानां च कृतं सहस्रमखिलाः देवाश्च सम्पूजिता: । संसाराच्च समुद्धृताः स्वपितरस्त्रैलोक्यपूज्योह्यसौ यस्य ब्रह्मविचारणे क्षणमपि स्थैर्यं मनः प्राप्नुयात् ॥➡️🚩🚩 संपूर्ण शास्त्रों का सार🌿 एक छोटे वाक्य में यह है कि 🌷ब्रह्म और आत्मा एक ही🍁 अखंड और अमृत नित्य वस्तु है🌹 वही तुम हो वही मैं हूं🚩🚩➡️🌹 वेद वचन ही 🌴ब्रह्म में🍁 प्रमाण हैं। ☘️➡️🌹जिन लोगोंने वेदके प्रामाण्यको स्वीकार नहीं किया, उन लोगोंने तत्त्वके सम्बन्धमें जो निरूपण किया वहाँ ब्रह्मका निरूपण नहीं किया।🌹💥➡️🌹 अगर तुम सबसे बड़ी चीज जानोगे☘️ तो उससे अलग तुम नहीं रह सकते 🌴और अगर तुम छोटी चीज जानोगे🍁 तो तुम उससे अलग रहोगे। ☘️➡️🍁 सबसे बड़ी चीज यानी 🌴परमात्मा को जानने के बाद 🌹कुछ जानने को बाकी ही नहीं रहता☘️ अगर तुमने इसे जाना है🌷 तो तुम अपना सारा काम पूरा कर चुके हो।🌴➡️😀जो वेदांती लोग होते हैं 😀🍀वो गुरु को बुलवाते ज़्यादा हैं🌺💥और सेवा कम करते हैं 🤣🍀🌺और जो भक्त लोग होते हैं 🍀वो गुरु की सेवा बहुत करते हैं 👍बहुत खिलाते हैं 🌹😳लेकिन समझते बहुत ही कम हैं 😳😳🌺😀😀😀🤣🚩 ब्रह्म ज्ञानी की नींद में☘️और अज्ञानी की नींद में🍁 क्या अंतर है 🤩? तो बताते हैं कि अज्ञानी तो 🌹इसी मिथ्या जगत में ☘️सोता है ।🌹लेकिन ब्रह्म ज्ञानी तो 🚩 जगत को कल्पित जान गया है 🍁इसलिए वह अपने आत्म स्वरूप में सोता है।🚩🍁 कान के पास वाले बाल ☘️सफेद हो गए🍁 मानो कान के सफेद हुए बाल☘️ कान में यह उपदेश दे रहे हैं 🚩कि यह जो जगत है 🤔यह जो शरीर है🤔 यह क्षरण वाला है 🍁और कुछ समय का ही मेहमान है।💐🚩 ध्यान से सुनो 👍तत्व ज्ञान होने पर 🌹प्रकृति तो मिथ्या हो जाती है🍁 लेकिन परमात्मा तब भी परिपूर्ण रहता है 🤩और आत्मा के रूप में 🍁जगमग जगमग करता रहता है🚩 इसीलिए आत्मा को अमृत कहते हैं।🚩
Ещё видео!