#JayaprakashNarayan
जेपी को पहली बार 1932 में ब्रिटिश राज के खिलाफ सविनय अवज्ञा के लिए जेल में डाल दिया गया था नासिक जेल में, वो अन्य स्वतंत्रता सेनानियों से मिले राम मनोहर लोहिया, अच्युत पटवर्धन, अशोक मेहता द्वितीय विश्व युद्ध में भारत की भागीदारी का विरोध करने पर उन्हें 1939 में फिर से गिरफ्तार कर लिया गया जब उन्होंने अपने सह-कैदी और सहयोगी एपी सिन्हा को उनके साथ भागने के लिए मनाने की कोशिश की तो उन्होंने कहा: JP, मुझे माफ कीजिए, लेकिन मैं आपके साथ (जेल) नहीं तोड़ सकता. मुझे आपके भागने की बात को छुपाने में मदद करने दीजिए. आपके पास वो जुनून है जिससे लोगों का उत्साह काफी बढ़ सकता है. आप उन्हें आत्म-बलिदान, कठिनाइयों को स्वीकार करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं. आप एक महान राष्ट्रीय नेता हैं.
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